Badlapur Rape Case: आतंकवाद और दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों में अब तक 628 आरोपियों को आजीवन कारावास और 37 को मौत की सजा दिलाने वाले फेमस सीनियर वकील उज्ज्वल निकम बदलापुर केस में सरकारी वकील के रूप में पैरवी करेंगे. इस बात की घोषणा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुद की है. डिप्टी सीएम के कार्यालय ने एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया, “उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि बदलापुर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच तेजी से की जाएगी और मामला फास्ट-ट्रैक कोर्ट में जाएगा. इसके लिए वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम को विशेष सरकारी वकील नियुक्त करने का फैसला किया गया है.”
आतंकी कसाब को दिलाई फांसी
उज्ज्वल निकम ने इससे पहले कई हाई-प्रोफाइल मामलों में अपनी प्रभावशाली दलीलों से सफलता हासिल की है. 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में पकड़े गए एकमात्र आतंकी अजमल कसाब को उन्होंने फांसी दिलवाई थी. कसाब, जो लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य था, को नवंबर 2012 में पुणे की यरवदा जेल में फांसी दी गई थी.
लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन हार गए
पद्मश्री से सम्मानित उज्ज्वल निकम ने इस साल मुंबई उत्तर मध्य निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, हालांकि उन्हें कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ से कड़े मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा.
इस बीच, ठाणे जिले के बदलापुर में मंगलवार को दो चार वर्षीय बच्चियों के साथ उनके स्कूल के सफाईकर्मी द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के मामले में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. गुस्साई भीड़ ने बदलापुर रेलवे स्टेशन पर कब्जा कर लिया और पटरियों को अवरुद्ध कर दिया. उन्होंने पुलिस के साथ झड़प की और उस स्कूल में तोड़फोड़ की जहां यह अपराध हुआ था. कई घंटों बाद, पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया और पटरियों को खाली कराया.
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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने एफआईआर दर्ज करने में देरी के लिए तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरती सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम मामले की जांच करेगी.