.. प्रतिनिधि, मेदिनीनगर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एससी–एसटी आरक्षण का वर्गीकरण और क्रीमी लेयर करने के प्रस्ताव के खिलाफ आहूत भारत बंद का व्यापक असर पलामू में रहा.पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर शहरी क्षेत्र के सभी चौक चौराहों बड़े वाहनों को खड़ाकर बंद समर्थकों ने जाम कर दिया था.आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता बुधवार की सुबह से ही सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. शहर के सुभाष चौक,छह मुहान,रेड़मा चौक,बैरिया चौक,शाहपुर का विवेकानंद चौक पर बंद समर्थकों ने आड़े तिरछे बड़े वाहनों को खड़ा कर जाम कर दिया था और विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.चौक चौराहा जाम रहने के कारण छोटे वाहनों का परिचालन भी बंद रहा.किसी तरह इक्का दुक्का बाइक,स्कूटी चल रहे थे.बंद के कारण लोगों को आने जाने में काफी परेशानी हुई.शहर में टेम्पो का परिचालन भी ठप रहा. जिले में किसी भी मार्ग पर बसों एवं टैक्सी का परिचालन नहीं हुआ.इस कारण कई यात्री परेशान दिखे.सरकारी एवं निजी बस पड़ाव से दूसरे जगहों के लिए एक भी बसें नहीं खुली.बंद समर्थकों रेड़मा चौक,सुभाष चौक एवं बाजार क्षेत्र में भ्रमण कर दुकानें बंद कराने का शांतिपूर्वक प्रयास किया.इस दौरान बंद समर्थक व्यवसायियों से अपनी दुकान,प्रतिष्ठान बंद कर समर्थन देने की अपील कर रहे थे.बंद समर्थकों की सक्रियता की वजह से 11 बजे तक अधिकांश दुकानें नहीं खुली और दुकानदार उचित अवसर का इंतजार करते देखे गये. बाद में कई दुकानें खुली,जिसे बंद कराने के लिए समर्थक बाजार में घूमते नजर आए. कई राजनीतिक दलों ने किया बंद का समर्थन आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के साथ कई राजनीतिक दलों ने सड़क पर उतर कर भारत बंद को सफल बनाने में सक्रिय भागीदारी निभायी. इस दौरान कांग्रेस, झामुमो, राजद,बसपा, भाकपा माले,आजाद समाज पार्टी के लोग झंडा बैनर के साथ सक्रिय रहे.विभिन्न दलों एवं संगठनों के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट से अपने इस प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की.उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार आरक्षण को खत्म करना चाहती है.सुप्रीम कोर्ट के द्वारा क्रीमी लेयर और एससी एसटी वर्गीकरण का प्रस्ताव लाना आरक्षण खत्म करने की साजिश है. यही वजह है कि पूरे देश में इस प्रस्ताव का विरोध हो रहा है.राजनीतिक दलों के अलावा जन संग्राम मोर्चा,भीम आर्मी,आरवाईए,दिहाड़ी मजदूर यूनियन,झारखंड क्रांति मंच,संविधान बचाओ मोर्चा ने सुप्रीम कोर्ट के इस प्रस्ताव को आरक्षण विरोधी बताया.कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार शुरू से ही संविधान व लोकतंत्र विरोधी कानून थोपने की कोशिश कर रही है. बंद को सफल बनाने में कांग्रेस जिलाध्यक्ष बिट्टू पाठक,गिरजा राम,झामुमो जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिन्हा, सुनील तिवारी, राजद जिलाध्यक्ष धनंजय पासवान, ईश्वरी महतो, विजय चंद्रवंशी, अरुण चंद्रवंशी,कमल चौधरी,रामनाथ चंद्रवंशी,आकाश गंगा,जन संग्राम मोर्चा के युगल पाल,अशोक पाल,झारखंड क्रांति मंच के शत्रुघ्न कुमार शत्रु,बसपा जिलाध्यक्ष अजय भारती,माले के जिला सचिव आरएन सिंह,आइसा के राज्य सचिव त्रिलोकी नाथ,दिव्या भगत, गुड्डू भुइयां,गौतम दांगी,कंचन,समीर,नरेश राम,छात्रावास अधीक्षक प्रो अजय राम,उदय राम,बिरेंद्र पासवान,संदीप पासवान,राम दयाल राम,अजय सिंह चेरो,साकेत पासवान सहित कई संगठन के लोग सक्रिय थे. नावाबाजार में प्रदर्शनकारियों ने बंद कराया बाजार व दुकान नौडीहा बाजार. प्रखंड क्षेत्र में संविधान सुरक्षा मंच के बैनर तले एससी एसटी के प्रदर्शनकरियों ने नौडीहा बाजार-डुमरिया मुख्य पथ में बारा मोड़ के समीप बांस लगाकर सड़क को जाम कर दिया. इस दौरान लोगों ने जुलूस निकाला कर इंकलाब जिंदाबाद, आरक्षण के खिलाफ साजिश करना बंद करो, संविधान से छेड़छाड़ करना बंद करो, एससी एसटी ओबीसी एकता जिंदाबाद सहित कई नारे लगा रहे थे. समर्थकों ने सभी तरह के प्रतिष्ठानों को बंद कराया. प्रदर्शनकारियों ने प्रखंड कर्मियों को मेन गेट के अंदर से ताला लगा दिया. साप्ताहिक बाजार को भी प्रदर्शनकारियों ने बंद करा दिया. राष्ट्रीय जनता दल के प्रखंड अध्यक्ष सह बिशनपुर पंचायत के मुखिया जितेंद्र कुमार भारती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसला को वापस नहीं लिया गया, तो आंदोलन जारी रहेगा. प्रदर्शन में संविधान सुरक्षा मंच के उपाध्यक्ष भोलाराम,राम बाबू, उपसचिव जितेंद्र कुमार पासवान, कोषा अध्यक्ष अजय कुमार, उपकोषा अध्यक्ष लालू, राम,सदस्य संतोष कुमार ठाकुर,मोहन भुइया,बिनय रजक,उदय पासवान, बासपा प्रखंड अध्यक्ष अनुज कुमार के अलावे एससी एसटी ओबीसी के कई लोग शामिल थे. समर्थक को पुलिस ने हिरासत में लेकर छोड़ा प्रतिनिधि : मेदिनीनगर : भारत बंद के दौरान शहर थाना क्षेत्र से 59 बंद समर्थकों को हिरासत में लिया गया. इन सभी बंद समर्थकों को भारतीय न्याय संहिता के धारा 170 के तहत हिरासत में लिया गया है. जिसे शाम को छोड़ दिया गया. इन सभी को एतिहात के तौर पर हिरासत में लिया गया था. जिसे शाम मे रिहा कर दिया गया.
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