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गुमला में सफल रहा भारत बंद

बंद रही दुकानें और ठप रहा परिचालन, एसटी-एससी वर्ग के लोगों सड़क पर उतर किया प्रदर्शन

गुमला

. अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति वर्ग में क्रीमी लेयर व उप वर्गीकरण के विरोध में आहूत भारत बंद का गुमला में व्यापक असर देखा गया. शहर की सभी छोटी-बड़ी दुकानें बंद रहीं व बसों का परिचालन ठप रहा. घाघरा व बिशुनपुर प्रखंड में बॉक्साइट ट्रकों का भी परिचालन होने नहीं दिया गया. शहर में बंद समर्थक सुबह छह बजे सड़क पर उतर आये थे. टावर चौक के समीप दर्री बिछा कर लोग बैठ गये और छत्तीसगढ़ राज्य आने-जाने वाले वाहनों का परिचालन ठप कर दिया. जैसे-जैसे समय गुजरता गया. बंद समर्थकों की संख्या सड़कों पर दिखने लगी. आदिवासी व दलित समुदाय के लोग अलग-अलग गुट में बंट कर सड़क पर उतरते गये और जाम किया. इसके बाद सभी समूह के लोग टावर चौक के समीप जुट एक साथ मिलकर नारेबाजी की. सुबह 10 बजे के बाद कड़ी धूप थी. इसके बावजूद लोग डटे रहे. दोपहर में बारिश हुई. बारिश में भी बंद समर्थक सड़क पर जमे रहे और वाहनों का परिचालन होने नहीं दिया. इधर, बंद समर्थन गुमला शहर के सभी मुख्य सड़कों व चौराहों को जाम कर दिया. कई जगह बैरिकेडिंग की गयी थी. महिलाएं भी काफी संख्या में जाम कराने के लिए सड़क पर उतर आयीं. कैथोलिक संघ, आदिवासी संगठन, दलित संगठन, भीम आर्मी, आंबेडकर नगर, दुसाध समाज, नायक समाज के लोग बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतरे थे. इधर, आदिवासी युवा नेता जीतेश मिंज व महेंद्र उरांव ने कहा है कि आदिवासी व दलितों पर जिस प्रकार अत्याचार करने की योजना बनायी जा रही है. उसका हम विरोध करते हैं. किसी ने किसी रूप में इन दो जातियों को दबाने का प्रयास व षडयंत्र किया जाता रहा है. जब तक आदिवासी व दलित एक हैं. हम कभी नहीं झुकेंगे. उन्होंने कहा कि एसटी व एससी को मत सताओ. अगर हमें कोई छेड़ेगा, तो हम उसे छोड़ेंगे नहीं. भारत बंद गुमला में पूरी तरह सफल रहा है. हमलोग सुबह छह बजे ही सड़क पर उतर आये थे.

युवाओं ने निकाली बाइक रैली:

बंद के समर्थन में आदिवासी संगठन व भीम आर्मी के लोग बाइक रैली निकाली. इसके बाद शहर के सभी मुख्य मार्गों का भ्रमण कर बंद को सफल बनाया. भीम आर्मी के यदुनंदन नायक, रूपेश कुमार सन्नी, कृष्णा नायक, अखिलेश कुमार, सानू कुमार, विष्णु भुइयां ने कहा कि बंद पूरी तरह सफल रहा व सभी वर्गों का पूरा साथ मिला. व्यापारियों ने बंद का समर्थन कर दुकानें स्वत: बंद रखीं. बस ओनर का हम आभार प्रकट करते हैं कि बसों का परिचालन नहीं किया. गुमला के हर तपके ने बंद में साथ दिया है. इसके लिए हम आभार प्रकट करते हैं.

नहीं चलीं 200 बसें, बस पड़ाव में रहा सन्नाटा :

शहर के ललित उरांव बस पड़ाव में सन्नाटा पसरा रहा. सभी बसों के पहिये थमे रहे. 200 बसें नहीं चलीं. गुमला से कई राज्यों के लिए बस छूटती हैं, जो बंद के समर्थन में नहीं चली. बस पड़ाव में दर्जनों बसें खड़ी थी. जबकि कई बसों को इधर-उधर खड़ा किया गया था. बसें नहीं चलने से लाखों रुपये का व्यवसाय प्रभावित हुआ. बस पड़ाव की दुकानें बंद रहने से 20 लाख रुपये का व्यवसाय प्रभावित रहा.

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