बुधवार को मधवाडीह पंचायत के बैदाडीह गांव की एक गर्भवती को प्रसव पीड़ा हुआ तो परिजन उसे पंचायत के रघैयडीह में लाखों रुपये की लागत से बने उप स्वास्थ्य केंद्र सह आयुष्मान आरोग्य मंदिर लेकर पहुंचे. लेकिन अस्पताल में एएनएम मौजूद नहीं थीं. काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी जब एएनएम नहीं आई तो परिजन उसे वापस घर लेकर लौटने पर विवश हो गये. गनीमत रही कि घर में सुरक्षित प्रसव हो गया. अन्यथा परेशानी बढ़ सकती थी.गौरतलब है कि मधवाडीह पंचायत के रघैयडीह में लाखों रुपये की लागत से बने उप स्वास्थ्य केंद्र सह आयुष्मान आरोग्य मंदिर का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है. यहां प्रसव सहित कई उपकरण लगाये गये हैं. इसके बाद भी एएनएम के नहीं पहुंचने से गर्भवतियों को परेशानी उठानी पड़ रही है. मरीज अस्पताल आकर घंटों इंतजार करते हैं, लेकिन जब देर तक एएनएम नहीं पहुंचतीं तो वे वापस घर लौटने को विवश हो रहे हैं. वहीं लोगों के अनुसार अधिकांश समय मरीजों को यहां से बिना इलाज कराये ही लौटना पड़ता है. ऐसे में मरीजों के लिए लाखों रुपये खर्च कर संसाधन की व्यवस्था बेकार साबित हो रही है.मुखिया ने मामले को गंभीरता से लिया
जानकारी मिलने के बाद पंचायत के मुखिया मो सदीक अंसारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए विभाग के पास इसकी शिकायत की है. मुखिया का कहना है कि पहले यह उप स्वास्थ्य केंद्र जर्जर अवस्था में था. मुखिया चुने जाने के बाद इस मामले को अधिकारियों के अलावा विभिन्न बैठकों में प्रमुखता से उठाया. काफी प्रयास के बाद नये केंद्र का निर्माण कराया गया और इसे आयुष्मान आरोग्य मंदिर नाम दिया गया. यहां पर महिला मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था की गई. एक एएनएम को भी यहां का पदभार सौंपा गया. लेकिन जिम्मेदार एएनएम की अपनी मर्जी चलती है. जब आने का मन हुआ तब आती हैं और जब मन करे चली जाती हैं. दस दिनों से सेंटर बंद है. ऐसे में स्थानीय महिलाओं को परेशानी हो रही है. बुधवार को प्रसव पीड़ा से परेशान महिला का अस्पताल में प्रसव इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि एएनएम नहीं आई. मुखिया ने कहा कि इस मामले को वरीय अधिकारियों के पास टेलीफोन कर बताया गया है. लिखित शिकायत भी की जायेगी.जानिए… क्या कहते हैं बीपीएम
इधर अस्पताल प्रबंधक अरविंद कुमार का कहना है कि एएनएम के अस्पताल नहीं पहुंचने की शिकायत मिली है. एएनएम किरण देवी से बात करने पर पता चला कि भारत बंद के कारण यातायात बाधित होने से वह अस्पताल नहीं पहुंच पाने की बात बताई है. हालांकि अस्पताल इमरजेंसी सेवा में आता है. एएनएम को पहुंचना चाहिए था. उन्हें नियमित केंद्र पहुंचने की हिदायत की गई है.
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