Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर में मधुमेह रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अब युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. अनियमित खान-पान के कारण युवा अब इस बीमारी की जद में आने लगे हैं. समय के साथ इस बीमारी का फैलाव बढ़ रहा है. जब किसी अन्य बीमारी के इलाज के लिए या मधुमेह जनित लक्षण से पीड़ित होकर डॉक्टर के पास जाते हैं तो उन्हें इस बीमारी के बारे में पता चलता है.
लोगों को जानकारी नहीं की वो किस रोग से ग्रसित हैं
मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल के एनसीडी विभाग की ओर से सदर अस्पताल सहित पीएचसी में जांच से युवाओं को मुजफ्फरपुर में बढ़ा डायबिटीज से पीड़ित होने की पुष्ट हुई है. पिछले दिनों रैंडम जांच में दो हजार 58 युवा मधुमेह से पीड़ित पाये गये हैं.अधिकतर लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं होती कि वे इस बीमारी से ग्रसित हैं. जब किसी अन्य बीमारी के इलाज के लिए या मधुमेह जनित लक्षण से पीड़ित होकर डॉक्टर के पास जाते हैं तो उन्हें इस बीमारी के बारे में पता चलता है.
40 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों के मधुमेह जांच का निर्देश
एनसीडी विभाग ने सरकारी अस्पताल में आने वाले 40 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों के मधुमेह जांच का निर्देश दिया है. लेकिन जब इससे कम उम्र के लोगों की भी जांच की गयी तो काफी संख्या में मधुमेह पीड़ित लोग मिले. ये मरीज वैसे हैं, जो इलाज के लिए आये थे, लेकिन अधिकतर लोग जो अब तक मधुमेह की जांच नहीं कराए हैं.
उनमें भी बहुसंख्यक लोगों के मधुमेह से पीड़ित होने की आशंका है. मधुमेह रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सभी पीएचसी को मधुमेह के लक्षण से जुड़ी कोई समस्या बताने पर लोगों की जांच का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा 40 वर्ष से अधिक उम्र के सभी मरीजों की जांच अनिवार्य कर दिया गया है.
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जिले में 17 फीसदी लोग मधुमेह पीड़ित
जिले में 17 फीसदी लोग मधुमेह पीड़ित है़ नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़े के अनुसार मधुमेह पीड़ित रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. पिछले पांच सालों में छह फीसदी मधुमेह के रोगी बढ़े हैं. शहरों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह बीमारी बढ़ रही है. डॉक्टरों का कहना है कि अनियमित खान-पान, प्रकृति के विरुद्ध दिनचर्या, व्यायाम नहीं करना, शारीरिक श्रम में कमी आना और तनाव प्रमुख है.
सदर अस्पताल में इसके आधार पर वार्ड
जिले में एनसीडी सेल को और प्रभावी बनाया जा रहा है. मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले मरीजों को कार्ड बना कर उन्हें नियमित इलाज के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. साथ ही दवा नहीं छोड़ने की सलाह भी दी जा रही है. कार्ड पर हर महीने रक्तचाप और मधुमेह का डाटा अंकित होने से इलाज में आसानी हो रही है. बीमारी के आधार पर दवाओं का डोज लिखा जा रहा है. सदर अस्पताल में इसके लिए वार्ड भी बनाया जा रहा है