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दिशा की बैठक में छाया रहा जलजमाव व पेयजल का मुद्दा

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में जिला समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक गुरुवार को हुई.

समस्तीपुर . केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में जिला समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक गुरुवार को हुई. बैठक में जिले के विभिन्न जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों ने भाग लिया. बैठक के दौरान आयुष्मान कार्ड, जलभराव, पेयजल,विद्युत, जिले में रोजगार के अवसर सृजन जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई एवं अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिये गये. बैठक शुरू होने से पहले जिला अधिकारी ने सभी जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों को शिक्षा विभाग की तिथि भोजनपहल के बारे में जानकारी दी, जिसके तहत वे स्कूली छात्रों को विशेष भोजन उपलब्ध करा सकते हैं. इस मंच के माध्यम से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने भी सभी जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों से इस पहल में भाग लेने और तिथि भोजन पहल की सफलता में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया. बैठक में उपस्थित कई सरकारी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने इस पहल में गहरी रूचि दिखाते हुए इस पहल में स्कूलों को सहयोग देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की, जिस पर मंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की.बैठक की शुरुआत पिछली दिशा बैठक की विभागवार अनुपालन प्रतिवेदन समीक्षा के साथ की गई. सर्वप्रथम खाद की कालाबाजारी के संबंध में कृषि विभाग की समीक्षा की गई तथा खाद की कालाबाजारी नहीं हो इसके लिए सख्त निर्देश दिये गये. इसी प्रकार आयुष्मान कार्ड की समीक्षा में पाया गया कि वर्तमान में जिले में 37 प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं एवं आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए प्रखंडवार शिविर भी लगाए जा रहे हैं. बैठक में ये निर्णय लिया गया कि इस आंकड़ें में न्यूनतम 20 प्रतिशत की वृद्धि अगले तीन माह के अंदर की जाये. जनप्रतिनिधियों के सुझाव पर मंत्री ने निर्देश दिए कि ऐसे शिविरों के आयोजन से पूर्व संबंधित क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों को पूर्व सूचना दी जाए ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके. इसी प्रकार सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जिन लोगों का राशन कार्ड अब तक नहीं बना है, उन्हें चिन्हित कर जल्द से जल्द राशन कार्ड बनवाना सुनिश्चित करें. पूरी बैठक के दौरान जलभराव और पेयजल का मुद्दा छाया रहा जिस पर विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याएं बतायी एवं आवश्यक सुझाव भी दिए. मंत्री जी ने इस मुद्दे को महत्व देते हुए जलभराव वाले क्षेत्रों में पानी की निकासी करने के निर्देश दिए तथा कहा कि यदि पानी की निकासी संभव नहीं हो तो सामुदायिक तालाब तैयार करने जैसे वैकल्पिक उपायों पर विचार किया जाये. इसी प्रकार मंत्री ने विशेष रूप से उन क्षेत्रों में मौजूदा हैंडपंप की मरम्मत करने का निर्देश दिया जहां हर घर नल जल योजना लागू नहीं है. इसी प्रकार मंत्री ने विशेष रूप से उन क्षेत्रों में मौजूदा हैंडपंप की मरम्मत करने का निर्देश दिया, जहां नल जल योजना नहीं है. बैठक में जिले में रोजगार सृजन और लघु उद्योगों की स्थापना के संबंध में भी गहन चर्चा हुई , जिसमें मुद्रा ऋण स्वीकृतियों की संख्या बढ़ाने जैसे विभिन्न निर्देश दिए गए. जिले में उद्योगों की संख्या बढ़ाने के लिए सभी बैंकों और उद्योग विभाग के महाप्रबंधकों को यह कार्य सौंपा गया कि वे संभावित हितधारकों की पहचान करें और उन्हें उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न ऋण योजनाओं से जोड़ें. बैठक में जिला स्तरीय निवेशक सम्मेलन आयोजित करने, एक जिला एक उत्पाद योजना को बढ़ावा देने तथा स्टार्टअप को बढ़ावा देने का निर्देश दिये भी गये ताकि जिला स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित किया जा सके. इसी प्रकार बैठक में जिले में कृषक उत्पादक संगठनों की प्रगति के संबंध में समीक्षा की गई तथा विभिन्न योजनाओं के सहयोग से इनके माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के निर्देश दिये गये.बैठक में सांसद समस्तीपुर शांभवी चौधरी, कुलसचिव केंद्रीय विश्वविद्यालय पूसा ,सभी विधान पार्षद ,सभी विधायक ,सभी प्रमुख सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह , उपविकास आयुक्त, नगर निगम आयुक्त सहित सभी जिला स्तरीय एवं संबंधित विभागों के पदाधिकारी मौजूद थे.

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