कुरसेला. गंगा, कोसी नदियों में उफान बढ़ गया है. उफान से बाढ़ का फैलाव बढ़ने लगा है. निचले भूभाग में बसे गांवों में सैलाव संकट का खतरा बढ़ गया है. बाढ़ से प्रभावित गांवों की मुश्किलें कम नहीं हो पा रही है. सड़क साधन के बाढ़ में डूबने से लोगों के लिए नाव के सहारे आवागमन रह गया है. माना जा रहा है कि नदियों में आया उफान प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति को गंभीर कर सकती है. जानकारी अनुसार गंगा नदी के साथ कोसी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में बारिश के अधिक होने से कोसी के जलस्तर में वृद्धि आ गयी है. जबकि उत्तराखंड उत्तर प्रदेश में बारिश के जारी रहने से गंगा नदी में उफान बना हुआ है. प्रखंड क्षेत्र के शेरमारी, चांयटोला, कटरिया, पत्थल टोला, बाघमारा, पचखुटी, मेहर टोला खेरिया, बालू टोला, तीनघरिया, बसुहार मजदिया, कमलाकान्ही, मधेली गुमटी टोला, मलेनियां मिर्जापुर, कुरसेला बस्ती, आदर्श ग्राम रामपुर यादव टोली, बल्थी महेशपुर आदि गांव कमोवेश बाढ़ से घिर चुका है. इनमें निचले भूभाग के गांव में बाढ़ प्रवेश कर चुका है. क्षेत्र के जनमानस के समक्ष बाढ़ आफत बन कर परेशानी बढ़ा रहा है. गंगा पार दियारा के गांवों में निवास करने वाले लोगों को बाढ़ ने दुखदायी परेशानियों में डाल रखा है. यहां के लोगों को बाजार तक पहुंचने के लिये गंगा नदी पार कर जोखिम भरे हालातों में दिनभर का समय गुजारना पड़ता है. आपात स्थितियों में दियारा के लोगों के बीच साधन सुविधा का अभाव बना हुआ है. गोबराही, जरलाही, बटेशपुर दियारा क्षेत्र में एक बड़ी आबादी निवास करती है. बाढ़ से दियारा के इस आबादी के समक्ष कष्टकारी परेशानियों के हालात बना हुआ है. जानकारी अनुसार प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ राहत कार्य प्रारम्भ नहीं हो सका है.
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