देश के किसी भी राज्य में निर्वाचन सेवा कैडर नहीं संवाददाता,पटना बिहार निर्वाचन सेवा कैडर संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कैडर को विलोपित करते हुए पदाधिकारियों का समायोजन अन्य राज्य सेवाओं में करने की मांग की गयी है. संघ का कहना है कि करीब 150 कैडर वाला यह सेवा किसी भी राज्य में नहीं है. बिहार से अलग होने के बाद झारखंड ने भी अपने यहां से निर्वाचन सेवा कैडर को विलोपित कर सामान्य प्रशासन विभाग में समायोजित कर दिया है. बिहार निर्वाचन सेवा के पदाधिकारियों के रहते हुए भी भारत निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा नियंत्रित होता है. इसके विभागीय मंत्री स्वयं मुख्यमंत्री होते हैं जिनका विभाग की दैनिक नीतियों में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं होता है. प्रशासनिक तौर पर यह कैडर सीधे भारत निर्वाचन आयोग व सीइओ द्वारा नियंत्रित होता है. मुख्यमंत्री को सौंपे गये मांग पत्र में कहा गया है कि यह सेवा राज्य सेवाओं में से एक है. इसका बेसिक पद अवर निर्वाचन पदाधिकारी का है जिसकी नियुक्ति बिहार लोकसेवा आयोग के द्वारा की जाती है. संघ ने कहा है कि बिहार निर्वाचन सेवा कैडर रहने के बाद भी चुनाव के समय कैडर के अलावा राज्य सरकार को निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी और सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के रूप में अलग से अधिसूचना जारी करनी पड़ती है. इन दोनों दायित्वों को दो अलग-अलग सेवाओं के पदाधिकारी संपादित करते हैं. यह जिम्मेवारी बिहार प्रशासनिक सेवा, बिहार ग्रामीण विकास सेवा,बिहार राजस्व सेवा के पदाधिकारियों को दायित्व दिया जाता है. आरपी एक्ट के तहत निर्वाचन कार्य के लिए निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी और सहायक रिटर्निंग अधिकारी के रूप में प्रशासनिक व राजस्व सेवा के पदाधिकारियों को अधिसूचित करने का प्रावधान है. बिहार निर्वाचन सेवा के पदाधिकारी कानून व्यवस्था नियंत्रण के लिए प्राधिकृत नहीं है. यह पूरी तरह से प्रशासनिक रूप से अनावश्यक कैडर है. पूरे देश में यह इकलौता कैडर है जिनके वेतन भत्ते और सर्विस रूप का नियंत्रण राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है जबकि प्रशासनिक नियंत्रण भारत निर्वाचन आयोग और सीइओ द्वारा नियंत्रित किया जाता है. बिहार निर्वाचन सेवा के पदाधिकारी की प्रथम नियुक्ति अवर निर्वाचन पदाधिकारी के रूप में अनुमंडल स्तर पर की जाती है. इस स्तर पर सभी निर्वाचन कार्यों का संपादन बिहार प्रशासनिक सेवा और प्रखंड विकास पदाधिकारी करते हैं. इसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से आवश्यक कार्रवाई करने का पत्र भेजा गया है.
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