Places to visit on Janmashtami 2024: भारत देश में सभी पर्व-त्योहार को हर्षोल्लाह के साथ मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार 26 अगस्त 2024 को देश के विभिन्न हिस्सों में जन्माष्टमी का धूमधाम से आयोजन होगा. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाने वाला यह उत्सव प्रभु श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव है. इस दिन देशभर में स्थित भगवान कृष्ण के मंदिरों को भव्य रूप से सजाया जाता है. जन्माष्टमी के दिन प्रभु श्री कृष्ण से जुड़े स्थानों – द्वारका, मथुरा, वृंदावन, पुरी और उडुपी में उत्सव का आयोजन किया जाता है. इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और भगवान कृष्ण को छप्पन भोग चढ़ाए जाते हैं.
ओडिशा के पुरी में भी जन्माष्टमी का आयोजन भव्य तरीके से किया जाता है. इस दिन पुरी के प्रमुख मंदिरों में भगवान जगन्नाथ का विशेष श्रृंगार-पूजन किया जाता है. पुरी में कृष्ण भक्तों के साथ जन्माष्टमी का त्योहार मनाना आनंददायक होता है. पुरी के इन मंदिरों में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है:
जगन्नाथ मंदिर
पुरी का जगन्नाथ मंदिर जन्माष्टमी मनाने के लिए एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल है. यहां ओड़िया रीति-रिवाज से जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन प्रभु जगन्नाथ को छप्पन भोग और पंचामृत प्रसाद अर्पित किया जाता है. इस दिन जगन्नाथ मंदिर में भगवान कृष्ण के प्रति व्यापक भक्ति का अनोखा दृश्य देखने को मिलता है.
संध्या आरती के साथ शुरू हुए जन्माष्टमी महोत्सव में भजन कीर्तन और भगवान के 108 नामों का जाप किया जाता है. इस उत्सव का एक महत्वपूर्ण अंग है झूलनोत्सव. जन्माष्टमी के दिन पुरी के जगन्नाथपुर मंदिर आने वाले भक्तों को कृष्ण भक्ति का अद्भुत स्वरूप देखने को मिलता है.
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गुंडिचा मंदिर
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध पुरी का गुंडिचा मंदिर, भगवान जगन्नाथ का मौसी बाड़ी है. भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिवस के दिन गुंडिचा मंदिर में विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है.
पुरी के जन्माष्टमी का हिस्सा बनने आए श्रद्धालु और पर्यटक गुंडिचा मंदिर के जन्माष्टमी उत्सव में जरूर शामिल होते हैं. इस दिन चारों ओर से केवल कृष्ण नाम का जाप सुनाई देता है. कृष्ण भक्ति में लीन भक्त आध्यात्म के परम सुख का अनुभव करते हैं.
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