Kolkata Doctor Murder : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच कर रही सीबीआई इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहा है कि कैसे अपराध को बिना किसी बाधा के अस्पताल के उस सभागार में अंजाम दिया गया, जिसके दरवाजे की कुंडी टूटी हुई पाई गई थी.
सीसीटीवी फुटेज से कई सच आ सकते है सामने
सीबीआई के अधिकारी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या सभागार के बाहर कोई व्यक्ति यह सुनिश्चित करने के लिए तैनात था कि अपराध को अंजाम देने में कोई बाधा नहीं आए. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच अधिकारी इसकी पुष्टि के लिए सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण कर रहे हैं.
एक चिकित्सक ने सभागार में महिला डाॅक्टर को देखा था सोते हुए
जांच अधिकारियों ने इस बात को लेकर भी हैरानी जताई कि जब चिकित्सक को प्रताड़ित किया जा रहा था तो सभागार के अंदर से कोई आवाज किसी को सुनाई क्यों नहीं दी. सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, दरवाजे की कुंडी टूटी हुई थी जिसकी वजह से दरवाजा ठीक से बंद नहीं हो रहा था. हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि अपराध के दौरान क्या कोई व्यक्ति सभागार के बाहर मौजूद था.
कुंडी खराब होने की सभी लोगों को थी जानकारी
अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि दरवाजे की कुंडी टूटी होने की वजह से दरवाजा कुछ समय से खराब था. उन्होंने बताया कि पीड़िता आठ-नौ अगस्त की दरमियानी रात दो से तीन बजे के बीच सभागार में दाखिल हुई थी और ड्यूटी पर मौजूद एक चिकित्सक ने सभागार में उसे सोते हुए देखा था.
क्या चिकित्सक ने उस रात नहीं बंद किया था दरवाजा
चिकित्सकों, प्रशिक्षुओं और कनिष्ठ चिकित्सकों से पूछताछ में पता चला कि दरवाजा की कुंडी खराब होने की जानकारी सभी लोगों को थी और इस कारण चिकित्सक उस रात दरवाजा बंद नहीं कर पाई थी.सीबीआई ने शुक्रवार को भी मामले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष से पूछताछ जारी रखी. इसके अलावा, एजेंसी ने गिरफ्तार संदिग्ध संजय रॉय को अदालत में पेश किया.अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
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क्या थी घटना
कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सभागार में नौ अगस्त को एक महिला चिकित्सक का शव मिला था. कोलकाता पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में अगले दिन रॉय को गिरफ्तार किया था.कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी और इसके अगले दिन केंद्रीय एजेंसी ने जांच कोलकाता पुलिस से अपने हाथों में ले ली थी.