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Sinusitis : आम लगनेवाला सर्दी, जुकाम साइनसाइटिस तो नहीं ‍? बारीकी से समझें इस समस्या को

सर्दी व जुकाम लोगों में होनेवाले बेहद आम समस्या है, लेकिन लंबे समय तक सर्दी ठीक होने का नाम न ले, तो इसे आम समझना ठीक नहीं. यह साइनस का एक लक्ष्ण हो सकता है...

Sinusitis : साधारण सर्दी कुछ दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन लंबे समय तक नाक बहने या कफ रहने की शिकायत साइनस का रूप ले सकती है. बढ़ता प्रदूषण भी साइनसाइटिस के मामलों में वृद्धि का बड़ा कारण बन चुका है. ऐसे में जरूरी है कि आप साइनसाइटिस की समस्या को बारीकी से समझें और कुछ सावधानियों को अपनाकर इसे गंभीर रूप लेने से रोकें… 

क्यों होता है साइनस 

साइनस की समस्या सर्दी-जुकाम, एलर्जी, वायरस, फंगस, बैक्टीरिया, जानवरों के शरीर से निकलने वाली रूसी, प्रदूषित हवा, धुआं व धूल के कारण हो सकती है. इसके अलावा, नाक के छोटे बाल और नाक की हड्डी का नुकीले आकार में बढ़ना भी इस समस्या की वजह बन सकता है. 

हर 8 में से 1 भारतीय को है क्रोनिक साइनस की शिकायत 

  • 13.40 करोड़ से अधिक भारतीय क्रोनिक साइनस से पीड़ित हैं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इनफेक्शियस डिजीज के एक अनुमान के अनुसार. 
  • 2 नंबर पर है भारत, विश्व में इस बीमारी का सामना करनेवालों की संख्या के मामले में.
  • 50 प्रतिशत तक बढ़े हैं प्रदूषण के कारण साइनस के मरीज.  

इस समस्या के हैं चार प्रकार  

एक्यूट साइनस : यह वायरस या बैक्टीरिया के संपर्क में आने से होता है.
क्रोनिक साइनस : साइनस के इलाज के बावजूद नाक और सिर के अंदर लंबे समय तक सूजन रहने से. 
डेविएटेड साइनस : नाक के एक हिस्से पर होनेवाले साइनस को डेविएटेड कहते हैं. इसमें नाक बंद हो जाती है और सांस लेने में तकलीफ होती है.
हे साइनस : हे साइनस को एलर्जी साइनस भी कहा जा सकता है. यह मुख्य रूप से धूल के कणों, जानवरों आदि से एलर्जी के कारण होता है.

इन लक्षणों से करें पहचान 

  • सिर दर्द 
  • नाक में भारीपन या सूजन महसूस होना 
  • आवाज में बदलाव
  • बुखार और बेचैनी
  • दांतों में दर्द
  • सूंघने और स्वाद की शक्ति कमजोर होना
  • बाल सफेद होना
  • नाक से पीला लिक्विड गिरने की शिकायत
  • खांसी और चेहरे पर सूजन आना

साइनस होने पर बरतें कुछ सावधानियां

  • खाने से पहले और खाने के बाद हाथों को अच्छी तरह धोएं. 
  • घर में बिछा कार्पेट, तकिया, चादर, सोफा, फर्नीचर आदि पर जमी धूल की अच्छी तरह सफाई करें. 
  • जानवरों से निकलने वाली रूसी के संपर्क में आने से बचें.
  • ठंडे पदार्थों के सेवन से बचें. 
  • ठंड के मौसम में पर्याप्त पानी पिएं ताकि साइनस ड्राई न हो सके. 
  • घर से बाहर जाने पर मुंह को मास्क से कवर करें. 
  • प्रदूषण या एलर्जी के संपर्क में आने से बचें.
  • डॉक्टर की परामर्श के अनुसार साइनस से जल्द राहत के लिए स्टीम लें और नोजल स्प्रे का प्रयोग करें. 

इन घरेलू चीजों के सेवन से मिलेगी राहत  

ड्राई फ्रूट्स : ड्राई फ्रूट्स, बीजों और वेजिटेबल ऑयल में मौजूद विटामिन ई साइनस की समस्या को दूर करता है. 
नारियल पानी : नारियल पानी में मौजूद पोटेशियम शरीर को पूरी तरह से साफ कर देता है, जिससे साइनस की समस्या में राहत मिलती है.
चिकन सूप : इसमें पाया जानेवाला अमीनो एसिड सिस्टीन जमा नाक हो खोलता है, जिससे साइनस में आराम मिलता है.
हरी सब्जियां : हरी पत्तेदार सब्जियां, टमाटर, संतरे और पीले फलों में मौजूद विटामिन ए भी साइनस में फायदा पहुंचाता है.
अंगूर : रसीले फल जैसे अंगूर, संतरा और नींबू में पाया जाने वाला विटामिन सी साइनस की समस्या को दूर करता है.
लहसुन : इसमें मौजूद एलिसिन एन्जाइम साइनस के बैक्टीरिया और वायरस को खत्म करता है.
गरम चाय : ग्रीन टी, अदरक वाली चाय पीने से नाक आसानी से खुल जाती है.

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