प्रतिनिधि, मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय प्रशासन को भले ही विभिन्न शैक्षणिक सत्रों में आवेदन सहित अन्य शुल्कों के रूप में करोड़ों रुपये की आमदनी हो रही है, साथ ही एमयू के वेबसाइट पर पेमेंट गेटवे एजेंसी भी बच्चों से लाखों रुपये कमा रही है, लेकिन एमयू के कार्यालयों में जिम्मेदारी संभालने वाले आउटसोर्सिंग एजेंसी के कर्मी जहां 24 माह से मानदेय मिलने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं इसी साल संकल्प 10 हजार के तहत नियुक्त 12 कर्मी भी पांच माह से अपने वेतन के इंतजार में बैठे हैं.
24 माह से आउटसोर्सिंग कर्मियों को नहीं मिला है मानदेय
विश्वविद्यालय के लगभग 70 से अधिक आउटसोर्सिंग कर्मियों को पिछले 24 माह से मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है. वर्तमान में आउटसोर्सिंग कर्मियों के मानदेय भुगतान में अवकाश के दिनों का मानदेय काटकर भुगतान किये जाने के निर्णय पर विश्वविद्यालय को आंदोलन झेलना पड़ा था. हालांकि, विश्वविद्यालय द्वारा अपने आउटसोर्सिंग कर्मियों को इन 24 माह में 2 बार एडवांस राशि दिया गया है, लेकिन अबतक विश्वविद्यालय नियमित रूप से अपने आउटसोर्सिंग कर्मियों के मानदेय का भुगतान नहीं कर पा रहा है. 3 अगस्त को भी सिंडिकेट बैठक के बाद आउटसोर्सिंग कर्मियों द्वारा कार्य बहिष्कार तक कर दिया गया था, जबकि वर्तमान में अवकाश के दिनों का मानदेय काटकर भुगतान किये जाने के निर्णय पर भी आउटसोर्सिंग कर्मियों में नाराजगी बनी हुई है.पांच माह से वेतन के इंतजार में बैठे हैं संकल्प 10 हजार के कर्मी
एमयू द्वारा इसी वर्ष बिहार सरकार के संकल्प 10 हजार के तहत कुल 12 कर्मियों की नियुक्ति की गयी है. जो एमयू के विभिन्न विभागों में कार्यरत है. वहीं नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करने के 5 माह बाद भी केवल पे-फिक्सेशन कमेटी की बैठक नहीं होने के कारण इन 12 कर्मियों को वेतन नहीं मिल पाया है. हालांकि, सरकार के निर्देशानुसार स्पष्ट रूप से संकल्प 10 हजार पर नियुक्त कर्मियों को पे-माइनस पेंशन के आधार पर वेतन का भुगतान किया जाना है.कहते हैं कुलसचिव
एमयू के कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने बताया कि आउटसोर्सिंग व संकल्प 10 हजार के कर्मियों के भुगतान का निर्णय विश्वविद्यालय द्वारा ले लिया गया है. जल्द ही दोनों कर्मियों को उनके मानदेय का भुगतान किया जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है