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कृषि विश्वविद्यालय की पूर्णिया इकाई में खुलेगा ताड़ समूह शोध केंद्र

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में शुक्रवार को तीन दिवसीय ताड़ समूह शोध कार्यक्रम का समापन हो गया.

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में शुक्रवार को तीन दिवसीय ताड़ समूह शोध कार्यक्रम का समापन हो गया. अखिल भारतीय समन्वित परियोजना ताड़ की 33वीं वार्षिक बैठक के तीसरे दिन दो सत्रों का आयोजन किया गया. ताड़ समूह के पौधे जैसे नारियल, सुपाड़ी ताड़, तेल ताड़ एवं कोकोआ से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गयी. कार्यक्रम में 11 राज्यों सहित आइसीएआर के विभिन्न संस्थानों के 85 वैज्ञानिकों ने भाग लिया. समापन सत्र के बिहार कृषि विश्वविद्यालय के पूर्णिया इकाई में भी एक नये सेंटर खोलने की चर्चा की गयी.

सबौर में नारियल पर नये शोध कार्यक्रम के लिए प्रस्तावित किया गया, ताकि यहां के वातावरण में कुछ नयी किस्मों को लगाया जा सके. ताड़ के विभिन्न उत्पाद को बढ़ावा देने पर भी बल दिया गया. क्लीन प्लांट प्रोग्राम के तहत् कोकोआ पौधे अन्य विभिन्न ताड़ के केन्द्रों पर मूल्यांकन के लिए देना है. सबौर में सीपीसीआरआई कासरगोड से उच्च गुणवत्ता वाले नारियल की किस्मों का मूल्यांकन किया जायेगा.

सत्र की शुरूआत के पहले एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम के तहत् ताड़ समूह के वैज्ञानिकों द्वारा 25 पौधे लगाये गये. इस कार्यक्रम का संचालन कुलपति डाॅ डीआर सिंह ने किया. वैज्ञानिकों ने विभिन्न विभागों का भ्रमण किया तथा सभी विभागों में उपलब्ध उच्च गुणवत्ता वाले प्रयोगशालाओं एवं उपलब्ध सुविधाओं जैसे मॉडल क्लासरूम एवं कांफ्रेंस रूम की सराहना की. विश्वविद्यालय में उपलब्ध मीडिया सेंटर, टिश्यू कल्चर लैब, रूफ टॉप गार्डेंन एवं अन्य सुविधाओं की भी सराहना की.

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