मेदिनीनगर. झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन के बैनर तले पलामू जिले की आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं ने छह सूत्री मांगों को लेकर समाहरणालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया. नेतृत्व कर रहे यूनियन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बालमुकुंद सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार आंगनबाड़ी सेविकाओं से विभागीय कार्य के अलावा अन्य कई तरह का कार्य ले रही है. इस वजह से सेविकाअों को विभागीय कार्य के निष्पादन में काफी परेशानी हो रही है. बीएलओ, टीकाकरण के कार्य में भी सेविका को लगाया जाता है. अतिरिक्त काम से सेविका-सहायिका को मुक्त करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि काम के बदले उचित वेतन का भुगतान भी नहीं हो रहा है. विभागीय पदाधिकारी हमेशा दबाव बनाये रखते हैं. उन्होंने सेविका-सहायिका से हक-अधिकार के लिए संगठित होकर संघर्ष तेज करने का आह्वान किया. यूनियन की जिलाध्यक्ष पुष्पा देवी ने कहा कि संगठन में ताकत होती है. आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संगठन की ताकत को समझे और उसे मजबूती प्रदान करते हुए हक-अधिकार के लिए संघर्ष तेज करें. आंदोलन के बदौलत ही सरकार उनके मानदेय में वृद्धि करने को विवश हुई है. विभिन्न प्रखंडों से आयीं सुषमा देवी, पूनम सिंह, पुष्पा देवी, मीना चौरसिया, तारा देवी, ललिता देवी, आशा देवी, नीलू देवी, मनोरमा देवी, प्रेमशीला प्रसाद ने सेविका-सहायिकाओं की परेशानियों को रखा. कहा कि प्रशासन उनसे केवल काम लेता है, लेकिन उनकी परेशानी को दूर करने के प्रति गंभीर नहीं है. जुलाई 2023 से मानदेय में पांच सौ रुपये अतिरिक्त वृद्धि की गयी. लेकिन अभी तक उसका भुगतान नहीं किया गया. पोषण ट्रेकर पर काम नहीं करने का बहाना बनाकर सेविका का मानदेय काट दिया जाता है. पोषण ट्रेकर अपलोड करने के लिए विभाग द्वारा उन्हें मोबाइल भी नही दी गयी. बीएलओ को कार्य से सेविका को मु्क्त कराया जाये ताकि वे अपना विभागीय कार्य सुचारु कर सके. प्रत्येक माह की 10 तारीख को मानदेय का भुगतान किया जाना चाहिए. बकाया पोषाहार राशि के भुगतान की दिशा में त्वरित कार्रवाई की जाये. कंटिजेन्सी के लिए सभी केंद्र को प्रतिवर्ष छह हजार रुपये आवंटित किया जाये. प्रदर्शन के बाद डीसी को ज्ञापन सौंपा गया.
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