बक्सर. प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को गति देने के लिए जिले में विशेष अभियान शुरू किया जायेगा. इसके लिए सितंबर और अक्टूबर माह में जिला यक्ष्मा केंद्र द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान चलाया जाएगा. इस वृहद अभियान के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स के माध्यम से उनके पोषण क्षेत्र में घर घर जाकर टीबी के लक्षण वाले मरीजों को चिह्नित किया जाएगा. साथ ही, उनके बलगम का सैंपल लेंगी. उसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारी अपने स्तर से सैंपल की जांच करेंगे या उसे जिला यक्ष्मा केंद्र को उपलब्ध कराएंगे. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ही टीबी के लक्षणों के साथ जीने वाले उन संभावित मरीजों की पहचान और इलाज करना है, जो अपनी अज्ञानता या नासमझी के कारण अपना इलाज नहीं करा पाते. ऐसे लोग स्वयं के साथ अपने आसपास के लोगों में भी टीबी के संक्रमण का प्रसार करते हैं. जो की टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने में बड़ी बाधा बन सकते हैं. नए मरीजों की खोज के बाद की जाएगी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग : सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि जिले में आगामी दिनों एसीएफ कार्यक्रम चलाया जाएगा. जिसके लिए जल्द ही आशा कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण किया जाएगा. जिसके बाद टीबी मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करके नए मरीजों की खोज की जाएगी. इसके लिए सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों से माइक्रोप्लान तलब किया गया है. ताकि, उसी अनुसार प्रखंडों में गतिविधियों का संचालन किया जा सके. जिन क्षेत्रों में टीबी के केस अधिक संख्या में पाए जाएंगे, ऐसे क्षेत्रों की पहचान कर शिविर का आयोजन कर नए मरीज खोजे जाएंगे. साथ ही, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को टीबी के लक्षणों की जानकारी दी जाएगी. ताकि, एसीएफ अभियान के दौरान उनकी भूमिका निर्धारित की जा सके. छह प्रखंडों में लगाया गया ट्रू-नेट मशीन : जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया कि एसीएफ के लिए जिला व प्रखंड स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है. इसके लिए जिले के छह प्रखंडों में जांच के लिए ट्रू-नेट मशीन लगाए गए हैं. जिनमें डुमरांव पीएचसी, इटाढ़ी सीएचसी, राजपुर सीएचसी, चौसा सीएचसी, नावानगर सीएचसी व चक्की सीएचसी में ट्रू-नेट मशीन लगाया गया है. इसके पूर्व सदर पीएचसी, डुमरांव अनुमंडलीय अस्पातल, ब्रह्मपुर पीएचसी व सिमरी पीएचसी में ट्रू-नेट मशीन लगाए गए थे. वहीं, जिला मुख्यालय के जिला यक्ष्मा केंद्र में सीबी-नेट लगाया जा चुका है. उन्होंने बताया कि इन प्रखंडों में ट्रू-नेट मशीन लगाए जाने से टीबी जांच को गति मिलेगी. साथ ही, मरीजों को जांच के लिए यहां-वहां नहीं भटकना पड़ेगा.
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