भोरे. दी गोपालगंज सेंट्रल को- ऑपरेटिव बैंक की भोरे शाखा में हुए 2.99 करोड़ की फ्रॉड की जांच पूरी कर ली गयी. जांच होने के बाद रिपोर्ट को जारी किया गया है. इसके अलावा बड़ी कार्रवाई करते हुए इस गवर्नमेंट में शामिल पांच कर्मियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करते हुए एक की सेवा को वापस कर दिया गया है. वहीं इस कार्रवाई के बाद भोरे शाखा में हड़कंप मच गया है. अभी एक दिन पहले ही भोरे शाखा के नवीकरण भवन का उद्घाटन किया गया था. बता दें की भोरे शाखा के प्रबंधक रहे चौधरी संजय कुमार रमाकांत ने अपने सहयोगी पेंटा आइटी सहायक संजय यादव, सहायक संजीव कुमार को मैनेज कर कथित तौर पर इस फ्रॉड को अंजाम दिया था. ग्राहक, जो अपनी राशि फिक्स कर सर्टिफिकेट लेकर चले गये थे, उस फिक्स के एवज में अपने आइडी से लोन स्वीकृत कर राशि को अपने करीबियों के खाते में ट्रांसफर कर लिया गया. कुल 67 लोगों के डिपॉजिट में यह खेल किया गया था. इसके बाद संयुक्त निदेशक सहयोग समितियां सारण प्रमंडल सैयद मशरूफ आलम के नेतृत्व में स्टेट लेवल की टीम ने जांच की. जांच में पूरा मामला सामने आ गया. जांच टीम ने जब पूरे मामले को खंगालना शुरू किया, तो कई खुलासे हुए. रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि सभी नियमों को ताक पर रखकर 2.99 करोड़ का गबन किया गया. बिना केवाइसी और बिना हस्ताक्षर का मिलान कर राशि को इधर से उधर किया गया. इस गबन में शामिल कटेया के शाखा प्रभारी सोहेल अहमद, बरौली के शाखा प्रबंधक अमित कुमार झा, शाखा सहायक नीतीश कुमार, सासामुसा के शाखा सहायक सुमित कुमार, बथुआ बाजार के शाखा सहायक कुमार वरुण को निलंबित कर दिया गया है. वहीं इस घोटाले में संलिप्त पेंटा सहायक शिवजीत कुमार को कार्यमुक्त कर दिया गया है. इन सभी के द्वारा मिलकर इस गबन को अंजाम दिया गया. वहीं दूसरी तरफ अभी भी कई लोगों पर कार्रवाई की तलवार लटकी है. आपको बता दे कि उक्त सभी लोग भोरे, विजयीपुर और कटेया की शाखा में तैनात थे.
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