रांची. राज्य सरकार महिला पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों की समस्याओं के समाधान के लिए कृतसंकल्प है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयास से ही जैप-1 डोरंडा के शौर्य सभागार में पहली बार राज्यस्तरीय महिला पुलिस सम्मेलन का आयोजन किया गया है. सम्मेलन में महिला पुलिसकर्मियों की सेवा, सम्मान व सुरक्षा से जुड़े बिंदुओं पर चर्चा होगी. सम्मेलन में तकनीकी सत्र भी होगा, इसमें जो भी निष्कर्ष सामने आयेंगे, उन पर सरकार को काम करने में मदद मिलेगी. यह बात मुख्य सचिव एल खियांग्ते ने कही. श्री खियांग्ते महिला पुलिस सम्मेलन- 2024 के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं के विरुद्ध बढ़ रहे अपराध से पूरा समाज चिंतित है. ऐसे में महिला पुलिसकर्मियों का दायित्व महत्वपूर्ण हो जाता है. महिलाओं के खिलाफ अपराध पर रोक लगाने के लिए महिला पुलिस की भूमिका पर विचार करने की जरूरत है. राज्य में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या अधिक से अधिक हो, इसे बढ़ाने पर विचार हो रहा है. राज्य में पूरी पुलिस बल का पांच प्रतिशत ही महिला पुलिस है.
महिला ट्रैफिकिंग को जड़ से समाप्त करना उद्देश्य
गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना डाडेल ने कहा कि राज्य में नक्सल समस्या एक-दो इलाकों को छोड़कर समाप्ति पर है. मादक पदार्थों के सेवन पर रोक के लिए राज्य सरकार की ओर से व्यापक अभियान चलाया गया था. इसके साथ ही राज्य में महिला ट्रैफिकिंग भी एक मुद्दा है. जिस पर राज्य सरकार का फोकस है. इसे जड़ से समाप्त करना राज्य सरकार का उद्देश्य है. महिला पुलिस की मदद से इस समस्या का निराकरण कर सकते हैं.
महिला अपराध पर रोक के लिए रणनीति पर होगी
चर्चा
एडीजी आधुनिकीकरण सह प्रशिक्षण सुमन गुप्ता ने स्वागत संबोधन करते हुए कहा कि झारखंड में पहली बार महिला पुलिस सम्मेलन हो रहा है. इसमें महिला पुलिस की समस्याओं, कार्यस्थल पर उनकी सुरक्षा और सुविधा पर विचार-विमर्श किया जायेगा. सम्मेलन के तकनीकी सत्र में अनुभवों व चुनौतियों पर चर्चा होगी. वहीं महिला अपराध की रोकथाम के लिए प्रभावी रणनीतियों पर भी चर्चा होगी.
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