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आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय भ्रष्टाचार के मामलों की जांच भी की गयी सीबीआइ के हवाले

कोर्ट ने आरजी कर में आर्थिक गड़बड़ियों के आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) को खारिज कर दिया और मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआइ को सौंप दी.

डॉक्टर रेप-मर्डर केस. सुनवाई के दौरान आर्थिक गड़बड़ियों की एसआइटी जांच को हाइकोर्ट ने किया खारिज

आज सुबह तक सभी दस्तावेज सीबीआइ को सौंपे कोलकाता पुलिस : कोर्ट

संवाददाता, कोलकाताआरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में वित्तीय अनियमितताओं के मामलों में राज्य सरकार व अस्पताल के पूर्व अधीक्षक संदीप घोष को कलकत्ता हाइकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने आरजी कर में आर्थिक गड़बड़ियों के आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) को खारिज कर दिया और मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआइ को सौंप दी. शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज ने यह आदेश दिया. साथ ही शनिवार सुबह 10 बजे तक पुलिस को मामले से संबंधित सभी दस्तावेज केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का आदेश दिया. न्यायाधीश ने कहा है कि अगर एक ही व्यक्ति के खिलाफ अलग-अलग एजेंसियां जांच करेंगी, तो इससे जटिलताएं पैदा होंगी. जांच प्रक्रिया में भी देर होगी. आरजी कर में जूनियर महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले की जांच तहत सीबीआइ अभी डॉ संदीप घोष से लगातार पूछताछ कर रहा है, इसलिए यही बेहतर होगा कि वित्तीय भ्रष्टाचार के मामलों की जांच भी सीबीआइ करे.न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज ने केंद्रीय जांच एजेंसी को तीन सप्ताह के भीतर मामले में प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी. वहीं, एकल पीठ के उपरोक्त आदेश को डॉ संदीप घोष के अधिवक्ता ने खंडपीठ में चुनौती दी. लेकिन न्यायाधीश हरीश टंडन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले पर तत्काल सुनवाई से इंकार करते हुए कहा कि ऑर्डर की कॉपी हाथ में आने के बाद संपर्क करें या मुख्य न्यायाधीश के पास जायें. वहीं, याचिकाकर्ता अख्तर अली की सुरक्षा के मुद्दे पर न्यायाधीश ने कहा कि अगर उन्हें सुरक्षा की जरूरत है, तो वह सीबीआइ के समक्ष आवेदन कर सकते हैं.

हड़ताल खत्म करने से जूनियर डॉक्टरों का इंकार

कोलकाता. ट्रेनी डॉक्टर से रेप व मर्डर की घटना के खिलाफ जूनियर डॉक्टर गत नौ अगस्त से हड़ताल पर हैं. इस बीच राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने शुक्रवार को एक बार फिर जूनियर डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने अपील की, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया. जूनियर डॉक्टरों का कहा कहना है कि न्याय के सवाल पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे. वे अब तक की जांच से संतुष्ट नहीं है. इसलिए हड़ताल जारी रखेंगे. उन्होंने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों से हड़ताल जारी रखने की अपील की. बता दें कि स्वास्थ्य सचिव ने 13 अगस्त को भी प्रेसवार्ता कर जूनियर डॉक्टरों से हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने की अपील की थी.

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