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एडवांस लेकर सेटलमेंट नहीं करने वालों पर सख्त होगा विश्वविद्यालय, जल्द बनेगा ऑडिट सेल

मुंगेर विश्वविद्यालय में सालों से अधिकारियों, शिक्षकों, कर्मियों और कॉलेजों के पास पड़ा कुल 3.70 करोड़ एडवांस वैसे ही मुसीबत बना पड़ा है.

एमयू के कॉलेजों, कर्मियों और शिक्षकों के पास हैं कुल 3.70 करोड़ का एडवांस, प्रतिनिधि, मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय में सालों से अधिकारियों, शिक्षकों, कर्मियों और कॉलेजों के पास पड़ा कुल 3.70 करोड़ एडवांस वैसे ही मुसीबत बना पड़ा है. एडवांस लेने वाले अधिकारी, शिक्षक व कर्मी भी सेटलमेंट को लेकर पूरी तरह सुस्त पड़े हैं. ऐसे में अब ऐसे सुस्त पड़े अधिकारियों, शिक्षकों और कर्मियों के लिये मुसीबत बढ़ने वाली है. क्योंकि विश्वविद्यालय द्वारा जल्द ही ऑडिट सेल तैयार किया जा रहा है. जिसके द्वारा सालों से विभिन्न अधिकारियों, कर्मियों और शिक्षकों के पास पड़े एडवांस राशि का सेटलमेंट किया जायेगा. एमयू के प्रभारी कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने शनिवार को अपने कक्ष में वित्त पदाधिकारी डॉ रंजन कुमार से विश्वविद्यालय में अधिकारियों, कर्मियों और शिक्षकों सहित कॉलेजों के पास पेंडिंग पड़े एडवांस राशि के सेटलमेंट को लेकर जानकारी ली. इस दौरान विश्वविद्यालय में 6 साल बाद भी ऑडिट सेल नहीं होने पर आश्चर्य व्यक्त किया. साथ ही विश्वविद्यालय में अबतक एडवांस सेटलमेंट के तरीकों की जानकारी ली. इसमें वित्त पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि उनके स्तर से पूर्व में भी ऑडिट सेल तैयार करने को लेकर फाइल बढ़ायी गयी थी, लेकिन अबतक सेल नहीं बन पाया है. जिसपर प्रभारी कुलपति ने एफओ को निर्देश दिया कि ऑडिट सेल से जुड़ी फाइल तैयार करें, ताकि जल्द से जल्द विश्वविद्यालय में एडवांस सेटलमेंट सहित वेतनादि भुगतान भी सेल द्वारा किये जाने की प्रक्रिया हो सके.

लंबे समय से एडवांस लेकर मौन पड़े हैं शिक्षक व कर्मी

एमयू के लिये अधिकारियों और कर्मियों के पास पड़ा एडवांस राशि किस कदर परेशानी भरा है, इसका अंदाजा केवल इसी बात से लगाया जा सकता है कि विश्वविद्यालय के किसी भी कार्यक्रम के लिये शिक्षक व कर्मी अब एडवांस लेना तक नहीं चाहते. जबकि पूर्व में एडवांस लेने वाले कई शिक्षक, अधिकारी व कर्मी सेटलमेंट को लेकर मौन पड़े हैं. हाल यह है कि विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में कई बार एडवांस सेटलमेंट के लिये अधिकारियों और कर्मियों को पत्र भी भेजा गया है, लेकिन मामला अबतक लंबित पड़ा है. इतना ही नहीं खुद कैग की टीम द्वारा भी फरवरी 2024 में विश्वविद्यालय को अपने 3.70 करोड़ रुपये के एडवांस सेटलमेंट को पूरा करने का निर्देश दिया गया था.

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