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लाउडस्पीकर की तेज आवाज पर लगेगी बंदिश, स्वीपिंग मशीन से होगी शहरी सड़कों की सफाई

समाहरणालय स्थित समीक्षा भवन में शनिवार को डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति की बैठक हुई. नगर निगम, सुलतानगंज व नवगछिया नगर परिषद और सभी नगर पंचायत को औद्योगिक क्षेत्र, वाणिज्यिक क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र व शांत क्षेत्र चिह्नित करने का निर्देश दिया गया.

समाहरणालय स्थित समीक्षा भवन में शनिवार को डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति की बैठक हुई. नगर निगम, सुलतानगंज व नवगछिया नगर परिषद और सभी नगर पंचायत को औद्योगिक क्षेत्र, वाणिज्यिक क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र व शांत क्षेत्र चिह्नित करने का निर्देश दिया गया. इन क्षेत्रों में लाउडस्पीकर का उपयोग निर्धारित मापदंड के अनुसार होगा. मानदंड से संबंधित नोटिस बोर्ड नगर प्रशासन लगायेगा और इसका प्रचार-प्रसार भी करेगा. अस्पताल, स्कूल, कॉलेज के 100 मीटर परिधि को शांत क्षेत्र घोषित किया गया है, वहां लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. इसकी सूचना प्रसारित करायी जायेगी. ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए सभी नगर निकाय अपने क्षेत्र के थाना से समन्वय स्थापित करेंगे. पर्यावरण संतुलन के लिए नगर निकाय द्वारा क्या-क्या किया जा रहा है, इसकी रिपोर्ट वे एक सप्ताह के अंदर डीएम को उपलब्ध करायेंगे.

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी नगर निकाय द्वारा स्वीपिंग मशीन से सभी सड़कों की सफाई की जायेगी. बताया गया कि भागलपुर नगर निगम में दो स्वीपिंग मशीन है, इसका प्रयोग पर्व-त्योहारों के अवसर पर किया जाता है. डीएम ने प्रतिदिन इसका उपयोग करने का निर्देश दिया. डीएम ने कहा कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सार्वजनिक सिटी बस चलवाना है, ताकि कम से कम संख्या में वाहनों का उपयोग हो सके. शहरी क्षेत्र में हरित क्षेत्र विकसित करना है और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना है.

नीला व हरा डस्टबिन हरेक घरों को मिलेगा

सूखा व गीला कचरा को अलग-अलग करने के लिए प्रति घर में नीला व हरा डस्टबिन उपलब्ध कराया जाना है, ताकि ट्रीटमेंट प्लांट द्वारा उसे उर्वरक के रूप में तब्दील किया जा सके. स्वास्थ्य विभाग को बायो मेडिकल कचरा का निष्पादन ट्रीटमेंट प्लांट के द्वारा करना है. बताया गया कि बरारी में बायो मेडिकल कचरा ट्रीटमेंट प्लांट है, जहां इस कचरे का ट्रीटमेंट किया जाता है. इस प्लांट से 98 नर्सिंग होम, 243 क्लिनिक व 48 अस्पताल सूचीबद्ध हैं.

गांव से 500 मीटर दूर रहे पॉल्ट्री फार्म

पर्यावरण संतुलन के लिए उद्यान विभाग को बागवानी विकसित करना है. जिला उद्यान पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि सूखा क्षेत्र में नींबू, आंवला व अमरूद की बागवानी की जा रही है. नवगछिया व बिहपुर क्षेत्र में केला, लीची और आम की बागवानी विकसित की जा रही है. डीएम ने कहा कि पोल्ट्री फार्म को गांव के बीच में नहीं रखना है. गांव से कम से कम 500 मीटर की दूरी पर होना चाहिए. इसका सर्वे करवा लिया जाये. गांव के बीच में पोल्ट्री फार्म रखने पर इस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाये. बैठक में डीडीसी कुमार अनुराग, अपर समाहर्ता लोक जन शिकायत, संयुक्त निदेशक जनसंपर्क, सिविल सर्जन, डीआरडीए निदेशक सहित सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.

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