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सेंट्रल जेल में मनायी गयी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

सेंट्रल जेल मोतिहारी में इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ कृष्ण जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनायी गयी.

मोतिहारी.सेंट्रल जेल मोतिहारी में इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ कृष्ण जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनायी गयी. कैदियों के द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया. वहीं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को लेकर करीब डेढ़ घंटे का एक नाटक भी तैयार किया गया था, जिसका मंचन हुआ. इसमें भगवान की बाल लीलाएं प्रस्तुत की गयीं. यह कार्यक्रम प्रजापति ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय मुख्य सेवा केंद्र न्यू श्रीकृष्ण नगर स्थित सेवा केंद्र व कारा प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में हुआ. जेल अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म जेल में हुआ था. इस लिए जेल में जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण विष्णु के आठवें अवतार थे. उनका जन्म मथुरा के जेल में हुआ था. इसके पीछे की कहानी भी बेहद प्रचलित है. जिसके अनुसार द्वापरयुग में मथुरा के राजा उग्रसेन था. उग्रसेन का पुत्र कंस बेहद महत्वाकांक्षी और क्रूर था. उसने अपने पिता को बंदी बना जेल में डाल दिया और खुद सिंहासन पर बैठ गया. कंस की बहन थी देवकी. देवकी से वह बेहद प्यार करता था. यही कारण है कि देवकी के विवाह के पश्चात कंस खुद रथ पर का सारथी बन अपन बहन को उसके ससुराल तक छोड़ने जा रहा था. रास्ते में अचानक एक भविष्वाणी हुई, जिसके अनुसार देवी का आठवा पुत्र कंस का काल था. भविष्वाणी सुनकर कंस क्रोधित हो गया और देवकी व बासुदेव को मथुरा के जेल में डाल दिया. जेल में ही देवकी ने अपनी आठ संतानों को जन्म दिया, जिसमें आठवे संतान के रूप में कृष्ण का जन्म हुआ. जेल अधीक्षक से कृष्ण जन्म कथा सुनकर कैदी भावभिभोर हो गये. बीके पुनम बहन ने कहा कि परमपिता परमात्मा का अवतरण भारत भूमि पर हो चुका है. श्रीकृष्ण भारत के प्रथम राजकुमार है. हमे उनका अनुकरण करना चाहिए. छोटे-छोटे बच्चे आरब, दीक्षा, अभ्यांस द्वारा कृष्ण व राधे का अभिनव किया गया. मौके पर कारा उपाधीक्षक मनोज कुमार सहित कारा के सभी कर्मी के अलावा लगभग चार सौ से अधिक बंदी उपस्थित थे.

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