तसवीर-24 लेट-9 राजकीय उमवि चीरोपाठ महुआडांड़. प्रखंड का पूरा क्षेत्र थंडरिंग जोन के रूप में जाना जाता है. प्रखंड में वज्रपात की घटना अक्सर होती रहती हैं. अब तक इस वर्ष प्रखंड के विभिन्न जगहों पर वज्रपात की पांच घटना हुई है. जिससे दर्जनों मवेशी की मौत और उसके चपेट मे आकर 10 से भी अधिक लोग घायल हो चुके हैं. प्रखंड में 93 सरकारी विद्यालय है जिन विद्यालयों भवन में तड़ित चालक यंत्र नहीं लगा है. इन विद्यालय में अध्ययनरत दर्जनों बच्चों पर बरसात भर वज्रपात का खतरा मंडराता रहता है. वज्रपात की घटना कभी भी कहीं भी हो सकती है. लेकिन शिक्षा विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग को इसकी परवाह नहीं है. विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए विद्यालयों में तड़ित चालक यंत्र लगाने की दिशा में शिक्षा विभाग द्वारा कोई पहल नहीं की गयी है. कई शिक्षकों ने बताया कि 10 साल पहले प्रखंड के लगभग 40 सरकारी विद्यालयों में तड़ित चालक यंत्र लगाये गये थे. लेकिन आज उन सभी विद्यालयों का तड़ित चालक यंत्र चोरी हो गयी है और उसके बाद से तड़ित चालक यंत्र नहीं लगाया जा सका है. इस संबंध में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी घनश्याम चौबे ने बताया कि तड़ित चालक यंत्र को लेकर अभी तक कोई निर्देश प्राप्त नही है. प्रखंड में 100 सरकारी विद्यालय है जिनमें सात अल्पसंख्यक (मिशन स्कूल) जिसमे तड़ित चालक लगा हुआ है. शेष विद्यालय मे तड़ित चालक यंत्र नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में लगें तड़ित चालक यंत्र का रिकॉर्ड भी कार्यालय में नहीं मिल रहा है.
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