25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सफलता मिली, सुर्खियां बटोरी, अब मेहनत को मिली डॉक्यूमेंट्री फिल्म की शक्ल

अनुकरणीय विद्यालय के रूप में देश में उमवि लगुनियां सूर्यकंठ को किया गया प्रस्तुत

समस्तीपुर : सोच अच्छी हो, कुछ नया करने की चाह हो तो कोई काम मुश्किल नहीं होता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है नगर निगम के उत्क्रमित मध्य विद्यालय लगुनियां सूर्यकण्ठ के शिक्षकों ने. अपनी अनोखी शिक्षण पद्धति से बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगाये रखा. आज उनकी मेहनत को डॉक्यूमेंट्री फिल्म की शक्ल देकर लोगों के बीच उतारा गया है और एक अनुकरणीय विद्यालय के रूप में पूरे देश में उत्क्रमित मध्य विद्यालय लगुनियां सूर्यकंठ को प्रस्तुत किया गया है. विदित हो कि नेशनल सेंटर फॉर स्कूल लीडरशिप व नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन, नयी दिल्ली के इनिशिएटिव पर एससीईआरटी व एसएलए, बिहार की ओर से यह डॉक्यूमेंट्री वीडियो जारी किया है. करीब तीन माह पूर्व राज्य भर के नौ विद्यालयों में विभिन्न शैक्षणिक नवाचार पर यह फिल्मांकन कराया गया था. डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय कहते हैं जहां चाह होती है, वहीं से नयी राह निकल आती है और नयी सोच को दुनिया सलाम करती है. ऐसी ही एक नयी सोच की मिसाल पेश की है उत्क्रमित मध्य विद्यालय लगुनियां सूर्यकण्ठ के शिक्षकों ने. कई बार ऐसा देखा जाता है कि सफलता मिल गई, सुर्खियां बटोर ली गई, उसके बाद उस कार्य के प्रति शिथिलता बरती जाती है. लेकिन इस स्कूल में बच्चों की पढ़ाई लगातार वैसे ही जारी है जैसे शुरू की गई थी. एचएम सौरभ कुमार कहते हैं कि हमलोगों ने शैक्षणिक वातावरण प्रदान करने के लिए एक सकारात्मक पहल किया था, जो काफी सफल साबित हुआ. हमारे प्रयास की जब सराहना हुई तो इससे हमारा मनोबल काफी बढ़ा और हम दोगुने उत्साह से अपने काम में आज भी लगे हुए हैं.

सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा पद्धति में नवाचार जरूरी

शिक्षा को रूचिकर रचनात्मक, उपयोगी व्यावहारिक सरल, क्रियात्मक एवं प्रासंगिक बनाना ही नवाचार है. आधुनिक युग में नवाचार की बहुत ही आवश्यकता है, क्योंकि नवाचार के द्वारा ही छात्रों में बहुमुखी और सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा पद्धति में नवाचार जरूरी है. नवाचार के द्वारा ही छात्रों में सकारात्मक विकास के साथ नैतिक मूल्यों एवं आदर्शों का विकास संभव है. नवाचार का विकास तभी संभव है जब शिक्षक नवाचार के द्वारा नवीन शिक्षण विधियों एवं पढ़ाने में नवीन तरीकों को प्रयोग में लाये जिससे छात्रों को उन कौशलों से अवगत कराकर उनकी प्रतिभा में निखार ला सकें. शिक्षक शिक्षा में नवाचार के प्रयोग द्वारा परम्परागत शिक्षा पद्धति को वर्तमान परिवेश के अनुकूल बनाया जा सकता है. इस विद्यालय के एचएम से लेकर शिक्षकों ने वर्तमान समय में शिक्षक शिक्षा नवाचार के माध्यम से अधिगम प्रक्रिया को सरल बनाने की तकनीकी प्रदान किया, शिक्षक शिक्षा नवाचार में आने वाली बाधाओं की पहचान कर छात्रों का बौद्धिक विकास किया, शिक्षक शिक्षा नवाचार के नवाचारों में शैक्षिक प्रयोग की संभावना तलाश कर नवाचार के माध्यम से नवीन ज्ञान से परिचित कराया.

नवाचार शिक्षण प्रणाली को जरूरी : डीइओ

डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने विद्यालय परिवार को बधाई देते हुए कहा कि नवाचार शैक्षिक व्यवस्था और शिक्षण कार्य प्रणाली को मजबूत बनाये रखने के लिए आवश्यक एवं महत्वपूर्ण तकनीक है. इसके अभाव में शैक्षिक लक्ष्यों और प्रक्रिया में व्यापक अंतर हो सकता है. इनका प्रयोग वर्तमान के साथ ही भविष्य की अपेक्षाओं की भी पूर्ति करने में सहायक है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें