रांची. मंकीपॉक्स के नये और तेजी से फैलने वाले वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने झारखंड के सभी जिलों के लिए आठ बिंदुओं पर एडवाइजरी जारी की है. एनएचएम के अभियान निदेशक अबु इमरान की ओर से जारी की गयी एडवाइजरी में नये वैरिएंट की जांच, लक्षण, इससे निबटने के उपाय और निगरानी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है.
वायरस अधिक संक्रामक और घातक है
विदेश यात्रा से लौटने के बाद अगर 21 दिनों के भीतर बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और कमजोरी महसूस होने पर बिना देर किये जांच कराने के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को सूचित करने को कहा गया है. यह वायरस अधिक संक्रामक और घातक है. लिहाजा, राज्य के सभी अस्पतालों में पांच-पांच आइसोलेशन बेड तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं. वहीं, इसमें साफ-सफाई का ध्यान रखने के साथ ही संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से बचने की सलाह दी गयी है. हालांकि, राज्य में अभी तक इरम्बोना एमपॉक्स वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर इस नये वैरिएंट को लेकर चिंता जतायी जा रही है.
अस्पतालों को सौंपा गया जिम्मा
मंकीपॉक्स को लेकर रिम्स सहित राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों को जांच और प्रबंधन का जिम्मा सौंपा गया है. अगर किसी में मंकीपॉक्स के लक्षण मिलते हैं, तो उसे तुरंत अस्पताल लाने और इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को देने को कहा गया.
क्या है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स जूनोसिस यानी जानवरों से इंसान में फैलने वाला इरम्बोना एमपॉक्स वायरस है. इस बीमारी में त्वचा रोग होता है. मंकीपॉक्स से शरीर में जगह-जगह फोड़े हो जाते हैं, जो मरीज की त्वचा को बुरी तरह प्रभावित करते हैं. मंकीपॉक्स एक संक्रामक रोग है. यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. संक्रमित मरीज के खांसने-छींकने व उसके कपड़े से यह वायरस दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है.
दुनिया के 116 देशों में फैल चुकी है बीमारी
अभी तक मंकीपॉक्स का संक्रमण दुनिया के 116 देशों में फैल चुका है. भारत में मार्च 2024 तक 30 मामले सामने आ चुके हैं. विगत दिनों दिल्ली के एम्स में मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मरीज मिला था.
इन बिंदुओं पर निर्देश जारी
हाई रिस्क पापुलेशन और उच्च जोखिम वाली आबादी के बीच संदिग्ध मरीजों में संक्रमण की पहचान.मेडिकल कॉलेजों के साथ ही सदर अस्पताल के ओपीडी क्लिनिक में एक्टिव सर्विलांस.विदेश यात्रा से लौटने के बाद 21 दिनों के भीतर लक्षण उभरने पर सूचना देना जरूरी.
मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज के मिलने पर नमूनों की जांच के लिए जिला सर्विलांस इकाई के निगरानी पदाधिकारी सूचना देना.मंकीपॉक्स की जांच अस्पतालों के स्किन विभाग के ओपीडी, एसटीडी क्लीनिक, मेडिसिन और बाल चिकित्सा ओपीडी में कराने का निर्देश.संदिग्ध मरीजों की पहचान करते हुए स्वाब (नमूना) का संग्रह और जांच के लिए आईसीएमआर द्वारा चिह्नित बीएसएल लैब पुणे भेजने का निर्देश.
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