संवाददाता, पटना देश तभी आत्मनिर्भर होगा जब हमारे किसान आत्मनिर्भर होंगे. विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए किसानों की समृद्धि जरूरी है. किसानों की आय बढ़ानी चुनौती है लेकिन एफपीओ व अन्य सहकारी समितियों के जरिये इसे साकार किया जा सकता है. केंद्र और बिहार की एनडीए सरकार सहकारिता से समृद्धि के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को साकार करने में जुटी है. शनिवार को ऊर्जा ऑडिटोरियम में सहकार भारती के एफपीओ प्रकोष्ठ के पहले राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में सभी वक्ताओं का जोर किसानों की आर्थिक संपन्नता पर रहा. मुख्य अतिथि व केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने कहा कि 78 वर्षों में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने खेत में जाकर किसानों से बात की और उनका दर्द साझा किया. सब्जियों को सड़ने-गलने से बचाने को केंद्र ने कोल्ड चेन निर्माण के लिए एक लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है. सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में मक्का और गेहूं का उत्पादन बढ़ा है. किसानों को एक छत के नीचे बीज-खाद उपलब्ध कराया जा रहा है. कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार ने 593 एफपीओ को लाइसेंस दिया है, ताकि किसानों की उपज की खरीद सुनिश्चित की जा सके. विधायक डॉ संजीव चौरसिया ने कहा कि ऊर्जा ऑडिटोरियम का यह सभागार सभी प्रतिनिधियों में नयी ऊर्जा का संचार करेगा. उद्घाटन सत्र को सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर, महामंत्री डॉ उदय जोशी ने भी संबोधित किया. अधिवेशन संयोजक दीपक चौरसिया ने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों और प्रतिनिधियों का आभार जताया. धन्यवाद ज्ञापन एफपीओ प्रकोष्ठ प्रमुख पीआर मुरलीधरन ने किया. मंच संचालन वैद्य अंकेश मिश्र ने किया.
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