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विभावि पीजी रिसर्च काउंसिल का पुनर्गठन, 29 से बैठक शुरू

विभावि में चारों संकाय के लिए पीजी रिसर्च काउंसिल की अलग-अलग बैठक 29 अगस्त से शुरू होगी.

दो वर्ष पर हो रही छह माह पर होनेवाली बैठक

141 शोध पंजीकरण का होगा अनुमोदन

नियमित बैठक नहीं होने से शोध और ग्रेडिंग पर पड़ा असर

हजारीबाग.

विभावि में चारों संकाय के लिए पीजी रिसर्च काउंसिल की अलग-अलग बैठक 29 अगस्त से शुरू होगी. इसमें 22 विभाग के विभागीय रिसर्च काउंसिल से प्रस्तावित 141 शोध पंजीकरण का अनुमोदन किया जाएगा. विभावि पीजी रिसर्च काउंसिल की बैठक की तिथि तय कर दी गयी है. सभी बैठक कुलपति सभाकक्ष में होगी. 29 अगस्त को सामाजिकी संकाय के पीजी रिसर्च काउंसिल की बैठक होगी. प्रस्तावित 66 शोध पंजीकरण का अनुमोदन किया जाएगा. 30 अगस्त को मानविकी संकाय के पीजी रिसर्च काउंसिल की बैठक में प्रस्तावित 45 शोध पंजीकरण का अनुमोदन किया जाएगा. दो सितंबर को वाणिज्य व विज्ञान संकाय के पीजी रिसर्च काउंसिल की बैठक में प्रस्तावित 15-15 शोध पंजीकरण का अनुमोदन किया जाएगा. विभावि में शोध कार्य को गति देने के लिए विवि स्तर पर चारों संकाय के लिए पीजी रिसर्च काउंसिल का पुनर्गठन किया गया. सभी विभागों के विभागीय रिसर्च काउंसिल से प्राप्त नये शोधार्थियों के पंजीकरण व सिनॉप्सिस का अनुमोदन करेगी. पीजी रिसर्च काउंसिल के अध्यक्ष कुलपति हैं. प्रतिकुलपति, संकायाध्यक्ष व संकाय के अंदर आनेवाले विभाग के विभागाध्यक्ष व व्यवसायिक पाठ्यक्रम के निदेशक को सदस्य बनाया गया.

कॉमर्स व प्रबंधन पीजी रिसर्च काउंसिल :

विभागाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार अग्रवाल व प्रबंधन विभाग से निदेशक डॉ अमिताभ सामंता सदस्य हैं. कुलपति द्वारा नामित सदस्य में डॉ बीड़ी त्रिवेदी मारखम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, डॉ आरवीपी देव रामगढ़ कॉलेज, डॉ अनिल कुमार जेजे कॉलेज झुमरीतिलैया व डॉ अनिल कुमार चौधरी गिरिडीह कॉलेज का नाम शामिल है.

विज्ञान संकाय के पीजी रिसर्च काउंसिल :

भौतिकी विभाग से विभागाध्यक्ष डॉ निहारिका यादव, डॉ लक्ष्मी शिवेश्वरी डॉ राखो हरि, रसायनशास्त्र विभाग से विभागाध्यक्ष डॉ आशीष कुमार साहा, डॉ इंद्रजीत कुमार, डॉ के कुमार, जंतुविज्ञान विभाग से प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ बीके गुप्ता, डॉ केके गुप्ता, वनस्पति शास्त्र विभाग से प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ अविनाश कुमार, गणित विभाग से प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ जर्नादन झा, भूगर्भशास्त्र विभाग से विभागाध्यक्ष डॉ एचएन सिन्हा, बॉयोटेक विभाग के निदेशक डॉ इंद्रजीत कुमार, एमसीए विभाग से निदेशक डॉ आशीष कुमार साहा, कुलपति द्वारा नामित डॉ नवीन चंद्रा भौतिकी विभाग, डॉ मनोज कुमार, डॉ वाई जग्गी जंतुविज्ञान, डॉ पंकज मांझी गणित विभाग का नाम शामिल है.

मानविकी संकाय के पीजी रिसर्च काउंसिल :

अंग्रेजी विभाग से विभागाध्यक्ष डॉ रिजवान अहमद, डॉ रत्ना पांडे रामगढ़ कॉलेज, हिंदी से विभागाध्यक्ष डॉ केके गुप्ता, डॉ केदार सिंह, डॉ संध्या प्रेम प्रचार्य मारखम कॉलेज, संस्कृत से प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ नकुल पांडे, उर्दू से विभागाध्यक्ष डॉ अम्बर खातून, डॉ एसजेड हक डॉ हुमायूं असरफ, दर्शनशास्त्र विभाग से प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ अमित कुमार सिंह का नाम शामिल है.

सामाजिकी संकाय के पीजी रिसर्च काउंसिल :

इतिहास विभाग से विभागाध्यक्ष डॉ विकास कुमार, राजनीतिशास्त्र विभाग से विभागाध्यक्ष डॉ शुकल्याण मोइत्रा, मनोविज्ञान से विभागाध्यक्ष डॉ सादिक रज़ाक, अर्थशास्त्र से प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ एसएम कैसर, भूगोल से विभागाध्यक्ष डॉ सरोज कुमार सिंह, मानवशास्त्र से विभागाध्यक्ष डॉ विनोद रंजन, गृहविज्ञान से प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ ममता कच्छप व कुलपति द्वारा नामित सदस्य में डॉ गंगानाथ झा मानवशास्त्र विभाग, डॉ उमेन्द्र सिंह अर्थशास्त्र विभाग, डॉ हितेंद्र अनुपम इतिहास विभाग डॉ डॉ मृदुला भारती गृहविज्ञान विभाग का नाम शामिल है.

नियमानुसार साल में दो बार होनी चाहिए बैठक :

विभावि में 29 अगस्त से पीजी रिसर्च काउंसिल की होनेवाली बैठक दो वर्ष बाद हो रही है. जबकि नियमानुसार बैठक साल में दो बार होनी चाहिए. नियमित नहीं होने से शोध की गति धीमी पड़ गयी है. विभावि के नैक ग्रेडिंग पर भी असर पड़ा है. पीजी रिसर्च काउंसिल में पंजीकरण व सिनॉप्सिस का अनुमोदन समय पर नहीं होने से इसका सीधा असर विवि के शोध कार्य के स्तर पर पड़ता है. उत्कृष्ट शोध कार्य को प्राप्त करने के लिए विवि स्तर पर शोध कार्य से संबंधित सभी कार्यों का समय पर निपटान जरूरी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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