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बेलवा स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी के मनमाने रवैये से लोगों में रोष

एक मात्र स्वास्थ्य केंद्र पर सरकार लाखों रुपया प्रति माह खर्च करती है. लेकिन, खर्च के हिसाब से यहां के मरीजों को सुविधाएं कम मिलती हैं.

-कुव्यवस्था का शिकार है बेलवा स्वास्थ्य केंद्र किशनगंज किशनगंज प्रखंड के बेलवा स्वास्थ्य केंद्र में आये दिन मरीजों को कोई न कोई परेशानी का सामना करना ही पड़ता है, हालांकि प्रखंड के एक मात्र स्वास्थ्य केंद्र पर सरकार लाखों रुपया प्रति माह खर्च करती है. लेकिन, खर्च के हिसाब से यहां के मरीजों को सुविधाएं कम मिलती हैं. पिछले एक वर्ष में जब से नए प्रभारी तमसिल अहमद अंसारी बेलवा में आये हैं तब से बेलवा स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था और भी खराब हो गई है जिसका जीता जागता उदाहरण यहां पर डिलेवरी का कम होना है, आंकड़े के हिसाब से 1 जनवरी 2023 से 31 जुलाई 2023 तक 1140 डिलेवरी हुई. जबकि, इस नए प्रभारी के समय मे 1 जनवरी 2024 से 31 जुलाई 2024 तक मात्र 957 डिलेवरी हुई है. यहा की कुव्यवस्था के कारण डिलेवरी के लिए यहां महिलाओं का आना कम हो गया है. बेलवा मुखिया तैबुर रहमान ने बताया कि इस नए प्रभारी के आने का एक वर्ष हो गया लेकिन इस एक वर्ष में मात्र एक बार रोगी कल्याण समिति की बैठक की गयी है, वहीं बेलवा सरपंच पजीरुद्दी ने बताया कि हॉस्पिटल प्रभारी को कई बार रोगी कल्याण समिति की बैठक बुलाने को कहा गया लेकिन वो जनप्रतिनिधियों के बातों को दरकिनार कर अपनी मनमानी चलाते हैं. वहीं बेलवा पंचायत समिति प्रतिनिधि सनाउल्लाह ने बताया कि प्रायः रोगियों की शिकायत मिलते रहती है कभी प्रसव कक्ष से संबंधित तो कभी प्रभारी के कर्मियों से बर्ताव को लेकर बेलवा उप सरपंच परवेज आलम ने कहा कि इस नए प्रभारी तमसिल अहमद अंसारी द्वारा कभी ओपीडी में बैठ कर रोगी को नहीं देखा जाता है. ओपीडी के समय प्रायः ये अपने कार्यालय बेलवा में ही बैठे रहते हैं लेकिन मरीजों की सुधि तक नहीं लेते हैं. बेलवा के रिजवान अहमद ने बताया कि नए प्रभारी के आने से यहां की व्यवस्था चरमरा सी गई है. लगभग छः महीने से शौचालय की टंकी भरी हुई थी लेकिन इन्होंने कभी ध्यान नहीं दिया, जब शुक्रवार को मरीजों के द्वारा हंगामा किया गया तब इनलोगों का ध्यान साफ सफाई की तरफ गया है. साफ सफाई की बात करते हुए जब हॉस्पिटल मैंनेजर से सवाल किया गया कि यहां कुल कितने सफाई कर्मी हैं तो वो बता नहीं सके और कहा कि इसकी जानकारी हॉस्पिटल प्रभारी को है वे ही बता पाएंगे. अस्पताल के प्रधान लिपिक से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जो भी कमियां थीं उसको सुधारने का प्रयास किया जा रहा है.

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