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निजी विद्यालय से कम नहीं दिखते हैं सबार विद्यालय के विद्यार्थी

जिले के टॉप फाइव की सूची में रहने वाले निजी विद्यालयों से कम नहीं दिखता है रामपुर प्रखंड में स्थित उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय सबार, जहां विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं प्रतिदिन जूता मौजा, टाई, बेल्ट के साथ-साथ स्कूली ड्रेस में यानी फुल यूनिफाॅर्म पहनकर विद्यालय आते हैं

भभुआ. जिले के टॉप फाइव की सूची में रहने वाले निजी विद्यालयों से कम नहीं दिखता है रामपुर प्रखंड में स्थित उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय सबार, जहां विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं प्रतिदिन जूता मौजा, टाई, बेल्ट के साथ-साथ स्कूली ड्रेस में यानी फुल यूनिफाॅर्म पहनकर विद्यालय आते हैं. खास बात यह है कि निजी विद्यालय की तरह सप्ताह में दो दिन बुधवार व शनिवार को छात्र-छात्राएं सफेद ड्रेस में, तो चार दिन नीला ड्रेस में विद्यालय आते हैं. इस विद्यालय का इस अनोखे पहल की चर्चा पूरे प्रखंड सहित जिला स्तर पर होने लगी है. दरअसल, निजी विद्यालय की तरह सबार विद्यालय की छात्र-छात्राएं भी दिखे, इसके लिए प्रधानाध्यापक व शिक्षकों द्वारा एक मुहिम चलायी गयी. इसके तहत प्रधानाध्यापक व शिक्षकों द्वारा विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं से डोर टू डोर संपर्क किया गया. संपर्क अभियान के दौरान प्रधानाध्यापक व शिक्षकों द्वारा विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से अपील की गयी कि पोशाक योजना के तहत छात्र-छात्राओं को स्कूली ड्रेस बनाने के लिए सरकार द्वारा राशि दी जाती है, इसलिए सभी अभिभावकों से अपील है कि विद्यालय में दो दिन सफेद ड्रेस व चार दिन नीला ड्रेस में आने के लिए पहल करें, इसलिए सभी अभिभावक छात्र-छात्राओं को बेल्ट, टाई, जूता मौजा के साथ साथ दो ड्रेस बनाना सुनिश्चित करेंंगे, ताकि विद्यालय द्वारा लागू किये गये ड्रेस कोड में ही छात्र-छात्राएं आयें. इधर, प्रधानाध्यापक व शिक्षकों की पहल के बाद अभिभावकों में भी जागृति आयी और सभी अभिभावकों ने छात्र-छात्राओं को ड्रेस कोड में जाने के लिए दो ड्रेस के साथ-साथ टाई, बेल्ट व जूता-मौजा की भी खरीदारी की, ताकि छात्र-छात्राएं विद्यालय ड्रेस कोड में जाएं. गौरतलब है कि सरकार द्वारा छात्र-छात्राओं को पोशाक बनाने के लिए यानी ड्रेस बनाने के लिए एक से दो वर्ग के छात्र-छात्राओं को 600 रुपये, कक्षा तीन से पांच तक के लिए 700 रुपये, कक्षा छह से आठ के लिए 1000 हजार रुपये व नौवीं से 12वीं तक के लिए 1500 रुपये राशि दी जाती है. = पढ़ाई के साथ खेल में भी छात्र-छात्राएं आगे रामपुर प्रखंड के सबार विद्यालय में केवल छात्र-छात्राएं निजी विद्यालय के तर्ज पर ड्रेस कोड में ही नहीं आते हैं, पढ़ाई के साथ-साथ विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं खेल प्रतिभा में भी बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं व अपनी प्रतिभा के बल पर विद्यालय का नाम रोशन करते हैं. जिला स्तर की प्रतियोगिता हो व राज्य स्तर की प्रतियोगिता हो उसमें भाग लेते हैं. सबार विद्यालय की महिला टीम विगत महीने राज्य स्तर पर आयोजित सुब्रतो फुटबॉल कप में कैमूर जिला की मेजबानी राज्य स्तर पर की थी व वं महिला टीम के खिलाड़ी राज्य में दूसरे स्थान पर रही थी. = दो पालियों में विद्यालय का होता है संचालन रामपुर प्रखंड में स्थित सबार विद्यालयों में भवन के अनुसार छात्रों की संख्या ज्यादा रहने के कारण विद्यालय की संचालन दो पालियों में किया जाता है. विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक 705 व कक्षा नौवीं से 12वीं तक 529 कुल 1234 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. विद्यालय पहली पाली में 6:40 बजे से 11:00 बजे तक व दूसरी पाली में 11:30 बजे से 4:30 बजे तक संचालित होती है. बोले प्रधानाध्यापक == इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रधानाध्यापक ददन राम ने कहा कि विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ साथ एक अनोखा विद्यालय के रूप में दिखे, इसके लिए और कई पहल किये जा रहे हैं.

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