-भागलपुर टू मिर्जाचौकी : 485 करोड़ से बन रही सड़क, फिर भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर राह आसान नहीं –बाबूपुर मोड़ से सबौर के बीच चलने लायक नहीं बची है सड़क
तकरीबन 485 करोड़ से बन रही सड़क के गड्ढों को ईंट से भरकर कांट्रैक्टर ने नेशनल हाइवे का मजाक बना दिया गया. बात जब एनएच विभाग के अधिकारी तक पहुंची, तो तुरंत एक्शन लिया और गड्ढों से ईंट के टुकड़ों को निकाला और उसको मेटेरियल से भरकर पैचअप कराया. रविवार को दिन के करीब एक बजे गड्ढों को ईंट से भरा था. शाम पांच बजे के करीब मेटेरियल से गड्ढों को पैचअप कराया गया. दरअसल, भागलपुर से सबौर के बीच सड़क चलने लायक नहीं बची है. गड्ढों की भरमार है. बाबूपुर मोड़ से सबौर के बीच तक सड़क की स्थित ऐसी हो गयी है कि गाड़ियां अनियंत्रित हो जा रही हैं. सड़क पूरी तरह से उखड़ गयी है. बात यह हुई थी कि जबतक हाइवे का निर्माण पूरी तरह से नहीं हो जाता है, तब तक इसको कम से कम चलने लायक बनाकर रखना है, लेकिन विभाग और उसकी एजेंसी गंभीर नहीं है. इसका खामियाजा राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है.
साल भर में 60 फीसदी भी नहीं बन सका हाइवे भागलपुर को फरक्का से जोड़ने वाली एनएच 80 का मिर्जाचौकी तक के निर्माण पर विभाग 485 करोड़ खर्च किया जा रहा है. इस काम को एक साल से ज्यादा समय बीत गया है और अबतक 60 फीसदी भी यह नहीं बना है. इस बीच काफी दिनों तक काम भी बंद रहा. शुरुआत में एजेंसी चयनित होने के छह महीने तक काम ही नहीं हुआ था. इससे पहले तो एक एजेंसी ने काम लेकर कराया नहीं. बॉक्स मैटर बाढ़े से पूर्व करा लिया रहता पुल का निर्माण, तो आवागमन नहीं होता अवरूद्धएनएच-80 पर सबौर और फरका के बीच पुल का निर्माण कराया जा रहा है. यह काम बाढ़ से पूर्व पूरा हो गया रहता, तो गाड़ियों को डायवर्सन होकर गुजरने की जरूरत नहीं पड़ती और न ही इसके बाढ़ में डूबने की नौबत आती. दरअसल, इस हाइवे के निर्माण कार्य की प्रगति में कभी तेजी आयी ही नहीं. इस वजह से यह हाल है, जबकि एनएच विभाग और उसकी एजेंसी को इस बात की जानकारी है कि इस प्वाइंट पर एनएच गंगा के पानी में डूबता है.
बॉक्स मैटर डायवर्सन को डूबने से बचाने के लिए और तीन ह्यूम पाइप लगायेगासबौर और फरका के बीच निर्माणाधीन पुल के डायवर्सन को बाढ़ के पानी में डूबने से बचाने की कवायद तेज कर दी गयी है. डायवर्सन में पहले से दो ह्यूम पाइप लगाये गये हैं. यहां और तीन ह्यूम पाइप लगाये जायेंगे. रविवार रात तक में कम से कम दो ह्यूम पाइप लगाने का दावा एनएच विभाग ने किया है. विभागीय अधिकारी के अनुसार ह्यूम पाइप लगने के बाद डायवर्सन पर पानी चढ़ने की संभावनाओं में कमी आयेगी.
कोटगड्ढों में भरे गये ईंट को निकलवा दिया गया है. वहां दो भाइयों के बीच गड्ढों के ईंट को लेकर विवाद तक हो गया था. अब ईंट की जगह मेटेरियल भरकर पैचअप करा दिया गया है. बाकी जगहों के क्षतिग्रस्त सड़क को कम से कम चलने लायक बना दिया जायेगा. पुल के डायवर्सन में दो ह्यूम पाइप लगे हैं और तीन ह्यूम पाइप लगाये जायेंगे. रात भर में कम से कम दो ह्यूम पाइप निश्चित तौर पर लगेगा.
बृजनंदन कुमार, कार्यपालक अभियंताराष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर
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