23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Crime against Women: बलात्कार मामलों से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार जल्द गठित करे फास्ट ट्रैक अदालतें

केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और बताया है कि एक जुलाई 2024 से लागू भारतीय न्याय संहिता में महिलाओं के खिलाफ अपराध के खिलाफ सख्त प्रावधान किए गए है. राज्य सरकार ऐसे मामलों से निपटने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन करे.

Crime against Women: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से बलात्कार और हत्या मामले की जांच सीबीआई कर रही है. महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में सख्त कार्रवाई वाला कानून बनाने और ऐसे मामलों से निपटने के लिए फास्ट ट्रैक अदालत के गठन की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था. इस मामले में केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और बताया है कि एक जुलाई 2024 से लागू भारतीय न्याय संहिता में महिलाओं के खिलाफ अपराध के खिलाफ सख्त प्रावधान किए गए है. पत्र में बताया गया है कि धोखे से किसी महिला से शारीरिक संबंध बनाने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है. साथ ही 16 साल से कम उम्र की लड़की से बलात्कार के मामले में न्यूनतम 20 साल की सजा की, 12 साल से कम उम्र की लड़की से बलात्कार के मामले में कम से कम 20 साल और अधिकतम फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ अन्य अपराध के मामले में भी पहले के मुकाबले सख्त सजा का प्रावधान किया है.

पश्चिम बंगाल सरकार जल्द गठित करे फास्ट ट्रैक अदालत

केंद्रीय मंत्री ने पत्र में कहा है कि पश्चिम बंगाल में बलात्कार से जुड़े मामले के निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट (एफटीसी) बनाया जाना चाहिए ताकि राज्य में 48 हजार बलात्कार के मामलों को जल्द से जल्द निपटारा हो सके. बच्चों के खिलाफ यौन शोषण से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2019 में पॉक्सो कानून के तहत विशेष फास्ट ट्रैक अदालत गठित करने के लिए केंद्रीय योजना शुरू की. इस योजना के तहत केंद्र सरकार 60 फीसदी और राज्यों को 40 फीसदी रकम देने का प्रावधान है. मौजूदा समय में देश के 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश में 753 विशेष फास्ट ट्रैक अदालत जिसमें 409 पॉक्सो अदालत शामिल है काम कर रही है. इन अदालतों ने 2.53 मामलों का निपटारा गठन के बाद से किया है. इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल को 123 विशेष अदालतों के गठन को मंजूरी दी गयी थी. लेकिन जून 2023 तक एक भी अदालत का गठन नहीं हो पाया. बाद में राज्य सरकार ने इस योजना में शामिल होने में रुचि दिखायी और 17 फास्ट ट्रैक अदालत गठित करने का केंद्र ने मंजूरी दी. लेकिन 30 जून 2024 तक राज्य में सिर्फ 7 पॉक्सो अदालतों का ही गठन हो पाया है. यही नहीं पश्चिम बंगाल सरकार महिलाओं, बच्चों के लिए शुरू किए गए एकीकृत हेल्पलाइन नंबर को भी शुरू नहीं कर पायी है. 

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें