कैप्टन गौतम ने सुपौल में संपन्न सिंडिकेट बैठक में शिक्षक व छात्रों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया सहरसा. विगत दिनों बीएसएस कॉलेज सुपौल में संपन्न सिंडिकेट बैठक में कई अहम बिंदुओं पर चर्चा व निर्णय को अंजाम दिया गया. हमेशा से छात्र, शिक्षकों, कर्मचारियों के मुद्दों पर मुखर रहे कैप्टन गौतम कुमार ने एक बार फिर सिंडिकेट में कई अहम बिंदुओं को उठाते बीएनएमयू प्रशासन को संज्ञान लेने की अपील की. वहीं उन्होंने स्थापना काल से विश्वविद्यालय में कार्यरत 86 कर्मियों, संविदा पर कार्यरत 40 कर्मियों व नार्थ कैंपस में कार्यरत 17 कर्मियों को सेवा में रखने पर सहानुभूति पूर्वक विचार की बात कही. एनसीसी, एसएसएस, स्पोर्ट्स कोटे से एडमिशन का हो प्रावधान बीएसएस कॉलेज में हुए बीएन मंडल विश्वविद्यालय सिंडिकेट बैठक में कैप्टन गौतम ने बीएनएमयू में लगातार मांग के बाद भी एनसीसी, एनएसएस, स्पोर्ट्स कोटे से एडमिशन नहीं होने पर नाराजगी जतायी. उन्होंने पटना विश्वविद्यालय का हवाला देते छात्र हित में इसे लागू करने की अपील की. उन्होंने कहा कि इससे जहां प्रतिभाओं को बल मिलेगा. वहीं बीएनएमयू के सफर में यह एक अहम पहल साबित होगा. अन्य सदस्यों ने भी इस मुद्दे पर समर्थन दिया. वित्तरहित कॉलेज के शिक्षकों को भी मिले मुख्यधारा का सम्मान लंबे समय से वित्त रहित कॉलेजों के शिक्षकों के मुद्दे पर मजबूती से बात रखने वाले कैप्टन गौतम ने सदन में लगातार मांग व आश्वासन के बाद भी वित्त रहित कॉलेजों के शिक्षकों को मूल्यांकन व टेबलेटिंग में जिम्मेदारी नहीं देने को दुखद बताते इसे भेदभाव की संज्ञा दी. इस मुद्दे पर अन्य सदस्यों ने भी सहानुभूति पूर्वक विचार की मांग की. वहीं स्नातक प्रथम सेमेस्टर नामांकन में संतोषजनक स्थिति नहीं होने पर चिंता जताते कैप्टन गौतम ने स्पॉट राउंड द्वारा एडमिशन की मांग की. सदन के निर्णय के बाद भी एकेडमिक सीनेट नहीं होने के सवाल पर कुलपति ने कहा कि इस संबंध में कुलाधिपति को पत्र लिखा गया है. लेकिन अभी तक जवाब नहीं आया है. सभी बंद गर्ल्स हॉस्टल को अविलंब शुरू करने के सवाल पर कुलपति ने सदन को बताया कि सहरसा महिला कॉलेज के हॉस्टल को जल्द शुरू किया जायेगा. यूएमआईएस पर बीएनएमयू अपने करार को करें स्पष्ट बीएनएमयू में हमेशा से विवादों में रहे यूएमआईएस को लेकर कैप्टन गौतम ने कई सवाल खड़े किया. बीएनएमयू की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते कैप्टन गौतम ने कहा कि आखिर विश्वविद्यालय ने कौन सा ऐसा करार किया है. जिसके तहत यूएमआईएस की गलती होने पर भी छात्रों का शोषण होता है. वहीं विषय बदलने के नाम पर शुल्क अविलंब बंद होनी चाहिए. यह पूरी तरह से मनमानी एवं शोषण है. उन्होंने कहा कि बीएनएमयू कुलपति सहित प्रशासन के हर हिस्से को यह समझने की जरूरत है कि बीएनएमयू इस क्षेत्र का अमूल्य धरोहर है. इसे संरक्षित करते हुए समृद्ध करना सबकी जवाबदेही है. जिससे यह इस क्षेत्र के उत्थान का कारक बन सके. अपने स्तर से वो सदैव छात्र, शिक्षक, कर्मचारी हित में आवाज बुलंद करते रहेंगे.
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