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अधिकारियों की अनदेखी के कारण विद्यालय भवन बना खंडहर

प्रखंड के जैतपुर पंचायत का उत्क्रमित मध्य विद्यालय हिरदनबीघा का भवन विद्यालय प्रबंधन शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण खंडहर में तब्दील हो गया है.

बड़हिया. प्रखंड के जैतपुर पंचायत का उत्क्रमित मध्य विद्यालय हिरदनबीघा का भवन विद्यालय प्रबंधन शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण खंडहर में तब्दील हो गया है. जिस ओर न तो विद्यालय प्रशासन का ध्यान है और विभागीय पदाधिकारियों का. जिस कारण विद्यालय के भवन पर स्थानीय लोगों ने अपना कब्जा जमा रखा है. लोग उसमें जानवरों को बांधने का काम कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक एनएच 80 के किनारे अवस्थित प्राथमिक विद्यालय हिरदनबीघा को 2009 में मध्य विद्यालय में उत्क्रमित किया गया तथा एनएच 80 किनारे स्थानाभाव के कारण गांव के ही दूसरे कोने पर अतिरिक्त वर्ग कक्ष का निर्माण विभाग द्वारा कराया गया. इसके बाद विद्यालय प्रबंधन द्वारा बिना कोई सक्षम विभागीय आदेश के पुराने भवन को एकाएक छोड़कर नवनिर्मित अतिरिक्त भवन में विद्यालय का संपूर्ण स्थानांतरण सोची समझी साजिश के तहत कर लिया गया तथा विद्यालय के मूल भवन को खंडहर होने के लिए छोड़ दिया गया. इस संबंध में विभागीय पदाधिकारियों ने भी मौन स्वीकृति प्रदान की तथा ग्रामीणों के द्वारा धीरे-धीरे विद्यालय के मूल भवन को अतिक्रमित कर उसे अपने निजी उपयोग प्रयोग किया जाने लगा. इस आशय का खुलासा शिक्षक सह प्रतिभा चयन एकता मंच के सचिव पीयूष कुमार झा के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर हुआ कि बिना किसी सक्षम आदेश के तत्कालीन विद्यालय प्रधान द्वारा मूल भवन को छोड़कर अतिरिक्त भवन में संपूर्ण विद्यालय को शिफ्ट कर दिया गया तथा अपने मन से ही पुराने भवन को परित्यक्त घोषित कर दिया गया. बड़हिया के बीईओ विनोद कुमार साह भी इस मामले को तीन साल से जानने के बाद भी अनजान बने रहे. मामला बिगड़ता देखकर आनन-फानन में विद्यालय के प्रधानाध्यापक उमेश कुमार ठाकुर ने विद्यालय के अतिक्रमण की सूचना बीईओ को दी. उसके बाद बीईओ बड़हिया ने पत्रांक 256 दिनांक 16-7-2024 को बड़हिया अंचलाधिकारी को पत्र लिखकर विद्यालय के मूल भवन को अतिक्रमण मुक्त कराने को पत्र लिखा. इस संबंध में आवेदक पीयूष कुमार झा ने कहा कि एक मध्य विद्यालय के सफलतापूर्वक संचालन के लिए कम से कम दस वर्ग कक्ष कार्यालय आदि की आवश्यकता होती है. परंतु विद्यालय प्रबंधन द्वारा जान-बूझकर विद्यालय के मूल भवन को खंडहर बनाकर अतिरिक्त भवन में मात्र पांच कमरे में ही आठ वर्गों का संचालन कर पढ़ाई की खानापूर्ति की जा रही है. इस संबंध में डीईओ यदुवंश राम ने कहा कि विद्यालय के मूल भवन को सबसे पहले अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा तथा मामले की जांच की जायेगी. विभाग गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए कृत संकल्पित है.

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