स्थानीय मुख्य बाजार के बड़ी काली मंदिर में जन्माष्टमी को लेकर आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के दौरान कथा वाचक पंडित गोविंद शरण जी महाराज ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर लोगों को बधाईयां दी. श्रद्धालुओं को भगवान के जन्म की कथा सुनायी गयी, जिसमें श्रीकृष्ण की लीलाओं को लोगों के बीच रखा गया. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर गोविंद शरण जी ने लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि धर्म यश कमाने के लिए करनी चाहिये. जब लोग धर्म को धन कमाने का मार्ग बनाते हैं, तो वहीं से मनुष्य की अवनति आरंभ हो जाती है. कलयुग में मनुष्य की आयु सबसे कम यानि अल्पायु होंगे. आने वाले समय में विज्ञान भी धर्म को मानने का काम करेगा. कलीयुग के अंत में सभी का व्यवहार समाप्त हो जायेगा. इसके बाद भगवान कल्कि का अवतार होगा. कहा कि ग्रंथों में वर्ण व्यवस्था है. यहां जाति व्यवस्था की गुंजाइश नहीं है. स्कंद पुराण के अनुसार चार वर्ण हैं तथा सभी बराबर हैं. कथा वाचन के उपरांत देर रात आरती का आयोजन किया गया. वहीं दिन के वक्त हजारों भक्तों के बीच खिचड़ी महाप्रसाद का वितरण किया गया.
ठाकुरबाड़ी में रात के 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण ने लिया जन्म
स्थानीय प्रोफेसर कॉलोनी स्थिति ठाकुरबाडी मंंदिर में देर रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया. भगवान के जन्म को लेकर ठाकुरबाड़ी में पंडाल आदि की व्यवस्था की गयी है, जहां भक्तों द्वारा श्रीकृष्ण के जन्म को लेकर लोगों द्वारा आरती की व्यवस्था की गयी. आयोजकों ने बताया कि मंगलवार को भगवान के जन्म के बाद महोत्सव का आयोजन किया जायेगा. मेला का भी आयोजन हर साल की तरह इस बार भी किया जा रहा है.
श्रीकृष्ण व राधा के वेश में दिखे बच्चे
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर शहर से लेकर गांव व देहातों में भी बच्चे कॉष्ण व राधा के वेश में सजकर मंदिर आदि स्थानों में जाकर पूजा-अर्चना किया. पोड़ैयाहाट में भी छोटी सी बच्ची दिव्या राधा बनकर खूब जंच रही थी, जबकि श्रीकृष्ण के रूप में रजत वीर लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया था.
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