राउरकेला. हॉकी की नर्सरी के रूप में दुनिया भर में मशहूर सुंदरगढ़ जिला अब धीरे-धीरे दूसरे खेलों में भी अपनी पहचान स्थापित करने का ठोस प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में छेंड स्थित बिरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम के ठीक सामने निर्मित इंडोर स्टेडियम में जिमनास्टिक का प्रशिक्षण बच्चों को दिया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से लैस इस इंडोर स्टेडियम में जिमनास्टिक के प्रशिक्षण के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं हैं. यहां पर फिलहाल रमेश बेहेरा मुख्य कोच तथा लेखाश्री और सैयान दास सहायक कोच के रूप में सेवाएं दे रहे हैं. 29 मई, 2024 से इस केंद्र में जिमनास्टिक का प्रशिक्षण शुरू किया गया है. शुरुआत में 20 प्रशिक्षुओं से शुरुआत हुई थी और आज 100 से अधिक बच्चे यहां प्रशिक्षण ले रहे हैं.
वर्ल्ड क्लास ढांचा उपलब्ध, आयोजित हो सकती हैं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं
मुख्य कोच रमेश बेहेरा ने बताया कि यहां जो बुनियादी ढांचा विकसित किया गया है, वह वर्ल्ड क्लास है. श्री बेहेरा ने बताया कि जो मौजूदा सुविधाएं उपलब्ध हैं, उसमें लड़कों के लिए फ्लोर एक्सरसाइज, पोमेल हाउस, स्टील रिंग, वेराइटी टेबल, पैरेलल बार, हॉरिजेंटल बार तथा लड़कियों के लिए फ्लोर एक्सरसाइज, बैलेंसिंग बीम, वेराइटी टेबल, अनइवन बार शामिल हैं. इन सुविधाओं के साथ हम यहां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन भी कर सकते हैं. कोच के अनुसार जिस तरह से ट्रेनिंग चल रही है, अगले दो-तीन महीनों में यहां बच्चे प्रतियोगिताओं के लिए तैयार हो जाएंगे. नवंबर में प्रतियोगिता होनी है. उससे पहले हमारे बच्चे तैयार रहेंगे. जो बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं, उसमें कुछ लेवल-4 तक पहुंच चुके हैं और परफॉर्मेंस देने को तैयार हैं.
जिम्नास्टिक में ओडिशा का भविष्य उज्ज्वल
ओडिशा ने जिम्नास्टिक के क्षेत्र में हाल के दिनों में अच्छा प्रदर्शन किया है. 2024 में राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में ओडिशा तीसरे नंबर पर रहा था. अभी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सुरक्षा बलों और रेलवे का वर्चस्व दिख रहा है. लेकिन बेहतर संसाधनों और सरकारी सहयोग से ओडिशा इसमें जल्द ही शीर्ष स्थान ले सकता है, बर्शतें सुविधाओं को विकसित किया जाये. जिम्नास्टिक के लिए अभी ओडिशा में चार केंद्र हैं. इनमें एचपीसी (हाई परफॉमेंस सेंटर) भुवनेश्वर में है, जहां पर एडवांस लेवल की ट्रेनिंग दी जा रही है. यहां विदेशी कोच भी नियुक्त किये गये हैं तथा खिलाड़ियों के न्यूट्रिशन का भी प्रबंधन किया जाता है. बाकी तीन केंद्रों में एक राउरकेला, दूसरा जयपुर और तीसरा पुरी में हैं. इन तीन केंद्रों में प्रशिक्षण प्रदान कर बच्चों को एचपीसी भेजना है, जहां से वे आगे की अपनी तैयारी पूरी करेंगे.
अभी और सुविधाएं विकसित करना जरूरी
इंडोर स्टेडियम भले ही वर्ल्ड क्लास का बना है, लेकिन अभी इसमें और सुविधाएं विकसित करने की जरूरत है. मसलन यहां काम करनेवाले कोच के लिए फिलहाल रहने की व्यवस्था नहीं है. उन्हें अपने वेतन से ही घर किराये पर लेकर रहना पड़ रहा है. इसी तरह बच्चों के खानपान के लिए कोई व्यवस्था अभी नहीं है. 100 से अधिक बच्चों के लिए अब तक कोई फिजियो भी नहीं होने के कारण एक भय लगा रहता है कि अगर बच्चे चोटिल हुए, तो तत्काल उन्हें गाइड नहीं किया जा सकता.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है