प्रतिनिधि, जमालपुर. नगर परिषद के एक बकायेदार नोट्रेडेम एकेडमी अल्बर्ट रोड को अब बकाया होल्डिंग टैक्स का भुगतान करना ही होगा, लेकिन नगर परिषद का सबसे बड़ा बकायेदार जमालपुर रेलवे है. जिसके पास नगर परिषद का लगभग 11 करोड़ से अधिक की राशि बकाया है. जिसे वसूल करने के लिए नगर परिषद प्रबंधन द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है.
वर्ष 2017-18 से अबतक नहीं हुआ है रेलवे द्वारा टैक्स का भुगतान
नगर परिषद द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि रेलवे ने वर्ष 2017-18 से अबतक टैक्स का भुगतान नहीं किया है. वर्ष 2017-18 से पहले तक रेलवे द्वारा नगर परिषद को प्रतिवर्ष 5 लाख 24 हजार की राशि सर्विस टैक्स के रूप में भुगतान किया जाता था. वर्ष 2017-18 के बाद से रेलवे ने टैक्स का भुगतान करना बंद कर दिया. वास्तव में नगर परिषद प्रबंधन ने नए सिरे से रेलवे को टैक्स भुगतान के लिए नोटिस किया गया था. जिसका आधार रेलवे की जमीन को बनाया गया था. उल्लेखनीय है कि अब न केवल मकान और प्रतिष्ठान, बल्कि परती जमीन का भी नगर परिषद द्वारा टैक्स वसूलने का अधिकार मिला है. इसी अधिकार के तहत नगर परिषद प्रबंधन द्वारा जमालपुर के रेलवे की जमीन की मापी करायी गयी और उसके आधार पर नगर परिषद प्रबंधन ने रेलवे को वर्ष 2017-18 से लेकर वर्ष 2020-21 तक 11 करोड़ 76 लाख 97 हजार रुपये का नोटिस दिया गया.
रेलवे ने नगर परिषद की मापी में बताया था त्रुटि
नगर परिषद प्रबंधन द्वारा रेलवे की जमीन की मापी के प्रति रेलवे ने आपत्ति दर्ज की और नए सिरे से रेलवे की जमीन की मापी का नगर परिषद प्रबंधन से अनुरोध किया है. रेलवे द्वारा कहा गया कि दोबारा मापी कराने के बाद की गणना के आधार पर टैक्स का भुगतान किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि रेल नगरी जमालपुर की लगभग 70% भूभाग पर रेलवे का स्वामित्व है. जिसमें रेल इंजन कारखाना के अतिरिक्त रेलवे की कॉलोनी ईस्ट कॉलोनी, दौलतपुर कॉलोनी, रामपुर कॉलोनी, टेंपरेरी हाट कॉलोनी, मुंगेर रोड कॉलोनी, और रेलवे प्लस टू इंटर कॉलेज जैसे संस्थान शामिल है. ऐसे में रेलवे द्वारा बकाया होल्डिंग टैक्स का भुगतान किए जाने पर नगर परिषद की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी.
कहते हैं अधिकारी
कार्यपालक पदाधिकारी विजयशील गौतम ने कहा कि रेलवे से बकाया टैक्स वसूली को लेकर नए सिरे से रेलवे की जमीन की मापी करने की कार्रवाई जल्द ही शुरू की जायेगी. वर्ष 2017-18 के बाद से रेलवे द्वारा नगर परिषद को टैक्स का भुगतान नहीं किया गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है