कटिहार. कलस्टर में बागवानी योजना के तहत जिले में पहली बार अमरूद की खेती किसान करेंगे. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी. विभाग इसके लिए सब्सिडी के तौर अच्छी खासी रकम दे रही है. बेहतर फलन होने से एक साल में एक एकड़ में करीब तीन लाख की आमदनी होगी. इससे अमरूद किसान खुशहाल होंगे. ऐसा उद्यान विभाग के कर्मचारियों व पदाधिकारियों का कहना है. एक समूह 25 एकड़ में होगी. कम से कम पांच व अधिक से अधिक 25 किसानों का एक समूह बनाकर अमरूद की खेती कर सकेंगे. इसके लिए तीन प्रखंडों में कटिहार, बरारी और कोढ़ा में करने के लिए प्रयास किया गया. अंतिम चयन कोढ़ा के राजवाड़ा पंचायत को किया गया है. जहां किसानों का एक समूह अमरूद की खेती को लेकर एकजुट हुए हैं. विभागीय पदाधिकारियों व कर्मचारियों का कहना है कि किसानों को प्रति एकड़ एक लाख रूपये विभाग सब्सिडी प्रदान करेगा. विभाग का मानना है कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंसी देसरी वैशाली से अमरूद की न्यू वैराइटी पौधे उपलब्ध कराया जायेगा. किसान खुद भी स्वतंत्र होंगे. वे कहीं से कभी भी अमरूद के पौधे क्रय कर अपने खेतों में लगायेंगे. अमरूद की खेती पन्द्रह साल की है. किसानों को कलस्टर में अमरूद की खेती को लेकर विभाग द्वारा सब्सिडी दो किश्तों में मिलेगा. पहली किस्त 65 प्रतिशत, दूसरी किस्त 35 प्रतिशत अनुदान मिलना है. कर्मचारियों की माने तो इससे किसानों की आय बढ़ेगी. कलस्टर योजना से अपना जिला को अमरूद की खेती कराने को मिला है. इसको लेकर कार्य चल रहा है. अब तक दस एकड़ के लिए आवेदन ऑनलाइन किया जा चुका है. दो दिन पूर्व बेवसाइट खुला है. दो दिन के अंदर आवेदन लेने कार्य पूरा कर लिया जायेगा. इसके बाद खेती करने के लिए वर्क ऑर्डर दे दिया जायेगा. किसान को स्वयं घेराबंदी करनी है, प्रति एकड़ सब्सिडी मिलेगी कलस्टर में अमरूद की खेती के लिए विभाग की ओर से सब्सिडी उपलब्ध करायी जा रही है. किसान अमरूद के पौधे के लिए स्वतंत्र है. विभागीय पदाधिकारियों की माने तो इसमें आमदनी अच्छी है. अमरूद की खेती करीब बारह से 15 साल की होती है. एक साल में कम से कम दो बार फल होने से किसान खुशहाल होंगे. विभागीय कर्मचारियों की माने तो किसानों को घेराबंदी स्वयं करनी है. इसके लिए विभाग अनुदान उपलब्ध करा रही है. इससे पूर्व कोढा के राजवाड़ा पंचायत के ठाकुर प्रसाद सिंह डेढ़ एकड़ में, कटिहार डहेरिया के प्रभुनाथ सिंह एक एकड़ में खेती करीब पांच साल से कर रहे हैं. अमरूद की खेती दोनों किसानों द्वारा अपने स्तर से ताईवानी पिंक वैराइटी की अमरूद लगाकर अपनी आमदनी को बढ़ा रहे हैं. उनलोगों की माने तो एक साल में करीब-करीब तीन लाख की आय हो जाती है. इससे दूसरे किसान अमरूद की खेती के लिए आगे आ रहे हैं. कहती है सहायक निदेशक कलस्टर में अमरूद की खेती के लिए कोढ़ा प्रखंड के राजवाड़ा पंचायत का चयन किया गया है. किसानों से ऑनलाइन आवेदन लिये जा रहे हैं. एकाध दो दिन में आवेदन लेने का कार्य पूरा कर वर्क ऑर्डर दे दिया जायेगा. विभाग की ओर से किसानों को एक एकड़ में एक लाख सब्सिडी उपलब्ध कराया जायेगा. सब्सिडी दो किस्तों में प्रथम किस्त 65 प्रतिशत, दूसरी किस्त के तहत 35 प्रतिशत देने का प्रावधान है. किसान कलस्टर में अमरूद की खेती कर अपनी आय बढ़ा सकेंगे. किसान अमरूद के पौधे खरीदने के लिए स्वतंत्र हैं. मधुप्रिया, सहायक निदेशक, उद्यान, कटिहार
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