Dengue: गया शहर में डेंगू के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है. प्रभात खबर में मंगलवार को पुलिस लाइन एरिया डेंगू के लिए बना हॉट-स्पॉट, चार लोग पीड़ित शीर्षक से खबर प्रमुखता से छापी गयी. उसके बाद स्वास्थ्य विभाग में बैठकों का दौर चलने लगा. लोगों के बीच जागरुकता फैलाने के साथ-साथ डॉक्टरों को इलाज से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन मंगलवार को किया गया. शहर के जेपीएन सदर अस्पताल सभागार कक्ष में सभी सामुदायिक तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों व संस्थान के एक एमबीबीएस डॉक्टर को डेंगू उपचार पर प्रशिक्षण दिया गया, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमइ हक ने नेशनल गाइडलाइन फॉर क्लीनिकल मैनेजमेंट ऑफ डेंगू फीवर का जिक्र करते हुए बताया कि डेंगू होने पर सुरक्षात्मक उपाय अपनाना आवश्यक है.
डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है…
डॉ हक ने बताया कि डेंगू रोग एडिज मच्छर के काटने से होता है. डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है और दिन में काटता है. इसीलिए, घर में या घर के आसपास पानी का जमाव नहीं होने दें. आठ से 10 दिन में लार्वा मच्छर का रूप ले लेता है. कूलर, गमला या ऐसी जगह जहां पर पानी जमा होता है, उसकी सफाई करते रहें. डेंगू का मच्छर चार सौ मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है. अगस्त से नवंबर तक बीमारी को लेकर सचेत रहने की अत्यंत आवश्यकता है. डेंगू का वायरस 16 डिग्री से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच अधिक निकलता है. यह वायरस तब अधिक सक्रिय होता है, जब 70 फीसदी से अधिक ह्यूमिडिटी होती है. तापमान घटने के साथ इसका असर भी कम होता जाता है.
डेंगू की पुष्टि के लिए एलिजा टेस्ट
डॉ हक ने बताया कि मच्छर से बचाव के लिए फुल बांह वाले कपड़े पहनें. दिन में भी मच्छरदानी लगाकर सोएं तथा मच्छर भगाने वाले क्रीम या धुंआ आदि का उपयोग करें, इसके लक्षण में हड्डी तोड़ बुखार, शरीर पर चकता उभर आना, उल्टी, भूख नहीं लगना, आंख के पीछे वाले हिस्से में दर्द आदि शामिल हैं. ऐसा होने पर सरकारी अस्पताल में चिकित्सक से मिले. उन्होंने कहा कि यहां पर आरडीटी किट उपलब्ध है. इससे स्क्रीनिंग की जाती है. पुष्टि के लिए जेपीएन सदर अस्पताल तथा मगध मेडिकल अस्पताल में एलिजा टेस्ट किया जाता है. तीन से चार दिनों तक बुखार रहता है. बुखार घटने के दौरान ही सबसे जोखिम भरा समय होता है.
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10 हजार क्यूबिक मिली लीटर से नीचे होने पर चढ़ता है प्लेटलेट्स
डॉ हक ने बताया कि डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स कम हो जाता है, लेकिन इसके लिए बहुत अधिक परेशान नहीं होना है. यह जानकारी रखें कि प्लेटलेट्स 10 हजार प्रति क्यूबिक मिली लीटर से नीचे होने पर इसे चढ़ाया जाना चाहिए. बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बूढ़े तथा दूसरी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को सबसे अधिक बचाव के लिए ध्यान रखना है. बुखार होने पर ब्लड प्रेशर काफी नीचे जा रहा है. पेशाब नहीं हो रहा है या सामान्य से कम हो रहा है या उल्टी होने पर अस्पताल में मरीज को भर्ती कराना है.