संवाददाता, पटना गंगादेवी महिला कॉलेज में रानी अहिल्या बाई होल्कर के त्रिशताब्दी जन्मवर्ष के अवसर पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम प्राचार्या प्रो रिमझिम शील की अध्यक्षता में इतिहास विभाग और आइक्यूएसी के संयुक्त सहयोग में किया गया. इस अवसर पर मदर्स इंटरनेशनल टीचर्स ट्रेनिंग अकादमी की पूर्व प्राचार्या डॉ नमिता कुमारी मुख्य वक्ता थीं. प्राचार्या ने कहा कि इतिहास के पन्नों पर रानी अहिल्याबाई का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित है. मुख्य वक्ता ने अपने व्याख्यान में मालवा की रानी अहिल्याबाई की जीवनी के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि रानी ने राज्य हित को सदा व्यक्तिगत हित और निजी संबंधों से ऊपर रखा. महिला सशक्तीकरण की दिशा में उनका योगदान अभूतपूर्व रहा. उन्होंने महिला सेना की स्थापना की, सती-प्रथा के उन्मूलन की दिशा में सार्थक प्रयास किये. दहेज प्रथा को अपराध घोषित किया और शहीद सैनिकों की विधवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें खादी बुनने की कला सिखायी. धर्म के क्षेत्र में रानी अहिल्याबाई का योगदान रहा. यह हमारा दुर्भाग्य है कि हमारे पाठ्यक्रम में ऐसी पराक्रमी महिला का उल्लेख नहीं है. कार्यक्रम के अंत में इतिहास विभाग की अध्यक्षा डॉ प्रेमांशी जयदेव ने धन्यवाद ज्ञापन किया. संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन डॉ उर्वशी गौतम ने किया.
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