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रेलवे फाटक बंद करने के दौरान भी वाहन चालक पार करते क्रॉसिंग, लोगों को खुद अपनी जान की चिंता नहीं

हम ना सुधरेंगे की तर्ज में वाहन चालक शहर के रेलवे गेट पर वाहनों को आरपार करते है. मंगलवार को यह नजारा कैलटैक्स चौक रेल फाटक पर देखने को मिला.

किशनगंज .हम ना सुधरेंगे की तर्ज में वाहन चालक शहर के रेलवे गेट पर वाहनों को आरपार करते है. मंगलवार को यह नजारा कैलटैक्स चौक रेल फाटक पर देखने को मिला. दरअसल रेल फाटक पर दिन के 3 बजकर 33 मिनट पर ट्रेन आने की सूचना पर रेल फाटक पर तैनात रेल कर्मी रेल गेट बंद करने लगा. उसी दौरान दोनों तरफ के वाहन जल्दी जल्दी गेट पार करने के चक्कर में बंद होते गेट में अपने वाहन घुसाने लगे जिसमें ईरिक्शा, कार , मोटरसाईकिल व अन्य वाहन शामिल थे.

काफी देर तक रेल गेट बंद होने का सायरन बजते रहा लेकिन लोग अपनी मनमानी पर अड़े रहे. काफी देर बाद जब लोग नहीं माने तो गेट के एक तरफ ट्रैफिक पुलिस के सिपाही और दूसरी तरह रेल कर्मी ने मोर्चा संभाला और गेट पर तैनात होकर वाहनों को अंदर घुसने से रोका. इसके बाद रेलकर्मी ने गेट बंद किया और ट्रेन पास हो सकी. मालूम हो कि हादसों से बचाव के लिए रेल मंत्रालय के द्वारा सभी रेलवे क्रॉसिंगों पर फाटक लगाया गया है. बावजूद वाहन चालक की मनमानी चरम पर है. रेलवे फाटक से जल्दी निकलने की चाहत में वाहन चालकों के द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जाता है. शहर के धर्मगंज, केलटैक्स चौक रेलवे फाटक पर आए दिन यह स्थिति आम हो चुकी है.

लोगों को खुद अपनी जान की चिंता नहीं

रेल के आवागमन के दौरान किसी प्रकार की कोई दुर्घटना न हो, इससे बचने के लिए रेलवे द्वारा रेल फाटक बंद कर दिए जाते हैं लेकिन लोगों को खुद अपनी जान की चिंता नहीं है. लोग रेल आने के दौरान बंद रेल फाटक के नीचे से ही निकल कर अपना रास्ता तय करते हैं. धर्मगंज, कैलटैक्स चौक स्थित फाटक पर भी आए दिन इस तरह का नजारा देखने को मिलता है. रेलवे के कर्मचारी रेल आने पर फाटक को बंद तो कर देते है. लेकिन, दोपहिया वाहन चालक जल्दबाजी में अपनी जान को जोखिम में डालकर बंद फाटक के नीचे से रेलवे लाइन पार करने से बाज नहीं आते. इनमें साइकिल, स्कूटर, बाइक सवार ही नहीं बल्कि पैदल चलने वाले बुजुर्ग, महिलाएं व स्कूली बच्चे भी शामिल होते हैं. जल्दबाजी में ये लोग यह भूल जाते हैं कि उनकी नासमझी उन्हें कितनी मंहगी पड़ सकती है. हालांकि रेलवे द्वारा विज्ञापन के माध्यम से भी लोगों को बंद रेल फाटक पार न करने के लिए जागरूक किया जाता है लेकिन लोगों पर इसका कोई असर नहीं है. यदि स्थानीय प्रशासन व रेलवे प्रशासन ने समय रहते इस पर संज्ञान नहीं लिया तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

पूर्व में घट चुकी है घटनाएं

बीते 31 जुलाई को शहर के धरमगंज रेलवे फाटक संख्या एसके 314 में बड़ा हादसा होते-होते रह गया. मालूम हो की तीन ई- रिक्शा चालकों ने बंद होते रेलवे फाटक के बीच से निकलने के प्रयास में सवरियों की जान आफत में डाल दी थी. फाटक के दोनों बैरियर गिए गए और ई-रिक्शा बीच में फंसने से सवारियों सहित मौके पर मौजूद लोगों में दहशत फैल गई. ट्रेन के गुजरने तक लोगों की सांसें अटकी रही.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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