ठाकुरगंज. मारवाड़ी समाज ने अपने आराध्य देव वीर गोगादेवजी महाराज का जन्मोत्सव गोगा नवमी के रूप में परंपरागत श्रद्धा-भक्ति के साथ मंगलवार को हर्षोल्लासपूर्वक मनाया. बताते चले भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि गोगा नवमी के नाम से प्रसिद्ध है. आज के दिन मारवाड़ी समुदाय के लोग श्री जाहरवीर गोगाजी का जन्मोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास से मनाते है. बाबा जाहरवीर गोगाजी के भक्तगणों की ओर से आज घरों में इष्टदेव की थाड़ी (थान-वेदी) बनाया जाता है और गोगादेवजी की शौर्य गाथा सुनायी जाती है. घरों में इस मौके पर पुरी, पुए, पकौड़ी, हलवा सहित कई पकवान बनाए गए हैं. गोगाजी को भोग लगाकर भक्तों की ओर से मन्नौतियां मांगी गई. गौरतलब है कि गोगाजी नवमी के दिन नागों की पूजा की जाती है. मान्यता है कि गोगाजी देवता की पूजा करने से सांपों से रक्षा होती है. गोगाजी देवता को सांपों का देवता भी माना जाता है. गोगाजी देवता की पूजा श्रावण मास की पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन से आरंभ हो जाती है, यह पूजा-पाठ नौ दिनों तक यानी नवमी तक चलती है इसलिए इसे गोगाजी नवमी कहा जाता है. रक्षा बंधन बहने अपने भाइयो को जी रक्षा सूत्र ( राखी) बांधती है वह गोगा नवमी के दिन खोल कर गोगा देव् जी को चढ़ाई जाती है.
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