मोहनिया सदर. राज्य में 10 जून 2024 से जन्म व मृत्यु रजिस्ट्रीकरण को लेकर लागू किये गये सीआरएस पोर्टल की वजह से जन्म व मृत्यु के रजिस्ट्रीकरण में आयी परेशानियों को लेकर एक तरफ जहां मुख्य रजिस्ट्रार द्वारा भारत के उप महारजिस्ट्रार को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराते हुए समस्याओं के समाधान की गुहार लगायी गयी थी. वहीं, अब जन्म व मृत्यु के रजिस्ट्रीकरण को सुगम बनाने के लिए हिमांशु कुमार राय निदेशक सह मुख्य रजिस्ट्रार जन्म मृत्यु व बी कार्तिकेय धनजी राज्य परियोजना निदेशक बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा संयुक्त आदेश जारी किया गया है. पूर्व में यह नियम था कि बच्चे के जन्म का रजिस्ट्रीकरण कराने के लिए उसके माता-पिता की उपस्थिति व आवेदक के रूप में होना अनिवार्य था. लेकिन, अब इसमें संशोधन कर यह आदेश पारित किया गया है कि जन्म का रजिस्ट्रीकरण कराने के लिए बच्चों के माता-पिता अथवा उनकी अनुपस्थिति में उनके नजदीकी रिश्तेदार जो (वयस्क) हो विहित प्रारूप संख्या-01 में जन्म रिपोर्ट के साथ, स्व घोषणा पत्र, माता-पिता या आवेदक का आधार, पहचान पत्र व निबंधित शुल्क एक वर्ष के ऊपर के जन्म की स्थिति में 10 रुपये के साथ संबंधित प्रखंड में आवेदन कर सकते हैं. अर्थ व सांख्यिकी निदेशालय योजना व विकास विभाग के नियंत्रणाधीन जन्म व मृत्यु का रजिस्ट्रीकरण कार्य जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 व जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण संशोधन अधिनियम 2023 तथा उस पर आधारित बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली के तहत संयुक्त आदेश जारी किया गया है, जिसमें यह लिखा गया है कि उक्त अधिनियम की धारा 8 व धारा 9 के तहत निर्धारित समयावधि में जन्म और मृत्यु की घटनाओं का रजिस्ट्रीकरण तथा सूचनादाता का प्रावधान है. वहीं, जन्म व मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 की धारा-13 व बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली के नियम- 9 के उप धारा (1), (2) व (3) के तहत विलंबित रजिस्ट्रीकरण का प्रावधान है. जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण कार्य के संपादन के लिए राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए (प्रखंड स्तर पर) व नगर निकायों में नगर पंचायत के लिए प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी तथा नगर पर्षद, नगर निगम के लिए सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी और सरकारी स्वास्थ्य संस्थान जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी तथा अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सदर अस्पताल तथा चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पतालों में अधीक्षक, उपाधीक्षक रजिस्ट्रार (जन्म और मृत्यु) अधिसूचित हैं. # विद्यालयों में नामांकित सभी बच्चों की विवरणी आधार संख्या के साथ इ-शिक्षा कोष पोर्टल पर होगी अपलोड संयुक्त आदेश में लिखा गया है कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के सभी विद्यालयों में नामांकित बच्चों की विवरणी उनके आधार संख्या के साथ इ-शिक्षा कोष पोर्टल पर प्रविष्टि की जा रही है, वर्तमान में विद्यालयों में नामांकित बच्चों का आधार बनाये जाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता को देख जन्म रजिस्ट्रीकरण के निमित्त दिशा निर्देश जारी किया गया है. इसमें लिखा गया है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अपर जिला रजिस्ट्रार (जन्म और मृत्यु) का यह दायित्व होगा कि अपने स्तर से प्राप्त सभी आवेदनों की शुद्धता का सत्यापन करने के बाद आदेश करेंगे. बीडीओ सह अपर जिला रजिस्ट्रार जन्म और मृत्यु से प्राप्त आदेश के बाद आवेदन संबंधित प्रखंड के संबंध ग्रामीण, शहरी क्षेत्र के सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी सह रजिस्ट्रार जन्म व मृत्यु को उपलब्ध करायेंगे यदि बच्चे का जन्म पूर्व में संस्थागत सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में हुआ है, तो उस बच्चे का जन्म रजिस्ट्रीकरण संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सदर अस्पताल तथा चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के स्तर पर जारी किया जायेगा. सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी सह रजिस्ट्रार जन्म और मृत्यु का यह दायित्व होगा कि सभी प्राप्त आवेदनों को यथाशीघ्र रजिस्ट्रीकरण कर प्रमाण पत्र निर्गत करेंगे. जन्म रजिस्ट्रीकरण के दौरान सीआरएस पोर्टल पर ऑनलाइन प्रविष्टि व जन्म निबंध वितरण पंजी के संधारण से संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी एव प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा आवश्यकता पड़ने पर आवश्यक सहयोग के लिए मानव बल (डाटा इंट्री ऑपरेटर) व अन्य की प्रतिनियुक्ति उपलब्ध करायी जायेगी. साथ ही कहा गया है कि जन्म व मृत्यु के रजिस्ट्रीकरण संबंधी विशेष जानकारी भारत के महारजिस्ट्रार नयी दिल्ली के वेब पोर्टल तथा अर्थ व सांख्यिकी निदेशालय की वेबसाइट पर देखी जा सकती है. फिलहाल वरीय अधिकारियों द्वारा जारी इन आदेशों का प्रखंड स्तर पर जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले पदाधिकारी व कर्मियों पर कोई असर नहीं होता है, बल्कि वे धीमी गति से साइट का कार्य करने का रोना रोते ही रहते है और लोग परेशान रहते हैं.
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