जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर डीएस सिंह ने कहा कि चिन्हित डेंगू मरीजों के घर के 500 मीटर के परिधि में एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव बुधवार को किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा माइकिंग द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में डेंगू के प्रति लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है. संबंधित कर्मियों को स्थायी जलजमाव वाले जगहों पर एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है. मरीज मिलने पर शहरी क्षेत्र में नगर निगम की ओर से छिड़काव कराया जाएगा, जबकि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा छिड़काव कराया जाएगा है. यह अभियान ठंड के मौसम आने तक चलता रहेगा.
रैपिड रिस्पांस टीम का किया गया है गठन :
डॉ सिंह ने कहा कि डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसे गंभीर रोग से निपटने के लिए जिले में रैपिड रिस्पोंस टीम का गठन किया गया है. ताकि जिला स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर पर आम लोगों में इन रोगों के प्रति जागरुकता व इलाज की सटीक जानकारी दी जा सके. साथ ही आपातकाल स्थिति में सक्रिय रहने की जिम्मेदारी इस टीम को दी गई है. मरीज के अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में मरीज के लिए सदर अस्पताल में 8 बेड , सभी अनुमंडलीय अस्पतालों में 4-4 बेड तथा सभी सीएचसी व पीएचसी में 2-2 बेड आरक्षित किया गया है. जिले में वर्ष 2019 में जिले में डेंगू के 273 मामले, 2020 में 7, वर्ष 2021 में 5, मार्च 2022 में 64, वर्ष 2023 में 79 एवं वर्ष 2024 में 27 अगस्त तक 2 मामले डेंगू के आए हैं. डेंगू वाले मच्छरों को बढ़ाने में एसी, कूलर औऱ फ़्रिज की भूमिकावेक्टर नियंत्रण पदाधिकारी राकेश कुमार रंजन ने कहा कि डेंगू मच्छर संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. केवल दो फुट की ऊंचाई तक उड़ पाने वाला यह मच्छर साफ पानी में पनपता है. गंदे या चलते पानी में एडीज मच्छर अंडे नहीं देती हैं. इसके लिए थोड़ा सा यानी (एक चम्मच) पानी भी पर्याप्त होता है, एडीज मच्छर केवल दिन में ही काटता है. इसलिए घर के अंदर भी पूरे कपड़े पहनकर रहना चाहिए. अपने घरों या आसपास में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस तरह के मच्छरों को बढ़ाने में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण योगदान कूलर, एसी एवं फ्रिज की ट्रे का होता है. इस तरह के जगहों पर एडीज मच्छर अंडे देती हैं, इसलिए फ्रिज की ट्रे को भी नियमित रुप से साफ करते रहना चाहिए. बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर चिकित्सीय परामर्श लेने के बाद ही अपना इलाज़ करानी चाहिए. अपनी मर्जी या दवा दुकान से दवा खरीदकर नहीं खानी चाहिए. चिकित्सक से उपचार कराने के बाद ही दवा खानी चाहिए.
सदर अस्पताल का डेंगू वार्ड का हाल बेहाल
सदर अस्पताल का डेंगू वार्ड स्वास्थ्य विभाग की तैयारी की पोल खोल रही है. अस्पताल में आठ बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है. इसके लिए अस्पताल प्रबंधन को जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय द्वारा 8 मेडिकेटेड मॉस्किटो नेट उपलब्ध कराया गया है. लेकिन विडंबना यह है कि, मॉस्किटो नेट की बात तो दूर सभी बेड पर चादर तक नहीं है. वहीं मंगलवार को वार्ड में एक अज्ञात मरीज बेड पर पाया गया. साफ सफाई की स्थिति बेहद खराब थी. ऐसे में डेंगू के चिन्हित मरीज को भर्ती करना पड़े तो उसका, भगवान ही मालिक है. इस संबंध में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. डीएस सिंह ने अस्पताल प्रबंधन को डेंगू वार्ड से अज्ञात मरीज को अन्य वार्ड में भर्ती करने तथा डेंगू को पूरी तरह साफ सफाई के साथ दुरुस्त करने का निर्देश दिया.डेंगू से बचाव की मुख्य बातें
घर में साफ-सफाई पर ध्यान रखें और कूलर, गमले का पानी रोज बदलें.सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें और दिन में मच्छर भागने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें.
पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने एवं कमरों की साफ़-सफाई के साथ उसे हवादार रखें.आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें और गंदगी वाले स्थानों पर कीटनाशक का प्रयोग करें.
खाली बर्तन एवं सामानों में पानी जमा नहीं होने दें और इकठ्ठे हुए पानी में किरोसिन तेल डालें.
डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है