वरीय संवाददाता, रांची़ झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के तत्वावधान में राज्य भर के मुखिया मंगलवार को भी धरना पर बैठे रहे. राजभवन के समक्ष विभिन्न जिलों से पहुंचे मुखिया ने अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद की. वे अनिश्चितकाल के लिए धरना पर बैठे हैं. इस दौरान कामकाज भी नहीं कर रहे हैं. मौके पर वक्ताओं ने कहा कि राज्य वित्त आयोग से विकास के लिए राशि पंचायतों को जल्द दी जाये. कार्य अवधि के दौरान किसी भी जन-प्रतिनिधि की आकस्मिक मृत्यु या दुर्घटना होने पर 30 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाये. साथ ही मुखिया का मानदेय केरल की तर्ज पर 30 हजार रुपये निर्धारित की जाये. कहा गया कि मंईयां सम्मान योजना व अबुआ आवास सहित अन्य सरकारी योजना का लाभ पंचायत जन-प्रतिनिधियों एवं उनके परिवारजनों को भी मिले. कहा गया कि कई मुखिया या वार्ड सदस्य अत्यंत गरीब हैं. ऐसे में उन्हें व उनके परिजन को योजना का लाभ मिलना चाहिए. वहीं किसी भी मामले में बिना जांच किये मुखिया की वित्तीय शक्ति जब्त न हो. जिनकी शक्ति जब्त की गयी है, उसे वापस किया जाये. मंगलवार को धरना में संघ के अध्यक्ष सोमा उरांव, मुखिया कंचन कुमार मंडल, रंजीत मेहता, अनिल शाह, सीमा कुमारी, ग्यासुद्दीन अंसारी, दीपक बड़ाईक, शिवनाथ मुंडा, ललन मिश्रा, नीरज कुजूर, जतरू उरांव, सुशांति भगत, भागीरथ मंडल, महताब आलम, उदय सिंह आदि उपस्थित थे.
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