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खेल अकादमी में मिलेंगी मेडिसिन, न्यूट्रिशन, सहित जरूरी सुविधाएं, पहले निदेशक रविंद्रर शंकरन…

Bihar News: प्रकृति और संस्कृति के लिए विश्व विख्यात राजगीर में इंटरनेशनल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का एक भाग बिहार खेल अकादमी और बिहार खेल विश्वविद्यालय बनकर तैयार हो गया है. बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्रन शंकरन को राज्य खेल अकादमी का पहला निदेशक बनाया गया है

Bihar News: प्रकृति और संस्कृति के लिए विश्व विख्यात राजगीर में इंटरनेशनल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का एक भाग बिहार खेल अकादमी और बिहार खेल विश्वविद्यालय बनकर तैयार हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 29 अगस्त को खेल दिवस के मौके पर इसका उद्घाटन करेंगे. 29 अगस्त, 2024 का दिन बिहार के खेल जगत में क्रांति के लिए जाना जायेगा. इसके साथ ही बिहार के खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य का द्वार भी खुल जायेगा. राजगीर में 90 एकड़ में बने अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स कॉम्लेक्स कई मायने में देश का एकमात्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स है, जहां एक साथ 24 खेल विधाओं का प्रशिक्षण दिया जायेगा. यहां खिलाड़ियों को एक ही कैंपस में प्रशिक्षण, रहने, मेडिकल सहित सभी सुविधाएं मुहैया करायी जायेंगी.

अकादमी के पहले निदेशक बने रविंद्रर शंकरन

राजगीर में बनी खेल अकादमी स्टेट सेंटर ऑफ एक्सेलेंस के रूप में काम करेगी. यहां खिलाड़ियों के लिए प्रैक्टिकल के साथ थ्योरी की व्यवस्था की गयी है. बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक और राज्य खेल अकादमी, राजगीर के पहले निदेशक रविंद्रन शंकरन ने प्रभात खबर के खेल संवाददाता से खेल अकादमी और खेल विश्वविद्यालय पर विशेष बातचीत की. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश…

अकादमी के पहला निदेशक रविंद्रन शंकरन से विशेष बातचीत

बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्रन शंकरन को राज्य खेल अकादमी का पहला निदेशक बनाया गया है.रविंद्रन शंकरन से विशेष बातचीत

सवाल : खिलाड़ियों के लिए खेल अकादमी में क्या खास है.

उत्तर : राज्य खेल अकादमी में खेलने पर फोकस रहेगा. सभी खेलों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं.

सवाल : पुराने नालंदा विश्वविद्यालय और नये खेल विश्वविद्यालय में क्या समानता है.
उत्तर : हां, नया खेल विश्वविद्यालय पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर बनाया गया है. पुराने नालंदा विश्वविद्यालय में खुले मेंं सीढ़ियों पर बैठ कर बच्चे पढ़ते थे. खेल विश्वविद्यालय में भी ओपन एरिया पर फोकस किया गया है.

सवाल : खिलाड़ियों के इलाज के लिए क्या व्यवस्था है.
उत्तर : खेल अकादमी में स्पोर्ट्स साइंस इको सिस्टम डेवलप किया गया है़ यहां मेडिसिन, न्यूट्रिशन, मेडिटेशन सहित सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

सवाल : अकादमी में खिलाड़ी कहां से आयेंगे.

उत्तर : शुरुआत में भारोत्तोलन, कुश्ती और एथलेटिक्स के सेंटर ऑफ एक्सिलेंस को शिफ्ट किया जायेगा. इसके अलावा पटना, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर और खगड़िया में चल रहे हॉकी के एकलव्य सेंटर को भी राजगीर शिफ्ट किया जायेगा.
सवाल : खिलाड़ियों के रहने की क्या व्यवस्था है.

उत्तर : यहां कुल छह सौ खिलाड़ियों के रहने की व्यवस्था की गयी है. लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग व्यवस्था है.
सवाल : कोच की नियुक्त कैसे होगी.

उत्तर : पहले निविदा पर 48 अस्थायी कोच की नियुक्ति होगी. इसमें बिहार के कोच को प्राथमिकता दी जायेगी. बिहार से कोच नहीं मिले, तो दूसरे राज्यों के कोच की नियुक्ति होगी. स्थायी कोच की नियुक्ति के लिए नियम बना कर विज्ञापन जारी किया जायेगा.
सवाल : खेल विश्वविद्यालय में क्या है खास.

उत्तर : राजगीर में बना खेल विश्वविद्यालय कई मायने में खास है. यहां स्पोर्ट्स साइंस से संबंधित सभी तरह की पढ़ाई होगी. यहां की लाइब्रेरी आइएनएस पटियाला के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी लाइब्रेरी बनेगी.

यह भी पढ़ें : 850 करोड़ की लागत से बिहार का पहला खेल अकादमी बनकर तैयार, रोजगार के भी मिलेंगे मौके

जानिए क्या-क्या हैं सुविधाएं

  • ऑडिटोरियम – 240 क्षमता
  • कॉन्फ्रेंस हॉल -60 क्षमता
  • फिजियोथेरेपी
  • मालिश
  • -एक्स-रे
  • प्रयोगशाला
  • आरएमआरआइ
  • 24 बिस्तर का वार्ड
  • व्याख्यान कक्ष – 04
  • संग्रहालय – 01
  • पुस्तकालय – 01
  • भोजन कक्ष – 90 (अकादमिक भवन )
  • भोजन कक्ष – 350 (छात्रावास भवन)
  • मीटिंग हॉल
  • छात्रावास ब्लॉक * **
  • लड़कियों का छात्रावास – 156 बेड
  • ट्रांजिट छात्रावास – 100 बेड
  • लड़कों का छात्रावास – 298 (चार मंजिला)

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