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बैंक जाने के लिए हो जाएं तैयार, 3 करोड़ जनधन खाता खोलने जा रही सरकार

PMJDY: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त, 2014 को प्रमुख वित्तीय समावेशन कार्यक्रम के तौर पर पीएमजेडीवाई की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत बैंक खातों की संख्या मार्च, 2015 में 14.72 करोड़ हो गई थी.

PMJDY: प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत देश के सरकारी और प्राइवेट बैंकों में जनधन खाता खुलवाने की चाहत रखने वाले अब तैयार हो जाइए. 10 साल बाद एक बार फिर सरकार देश के गरीबों का बैंक में जनधन खाता खुलवाने के लिए अभियान चलाने वाली है. खबर है कि केंद्र सरकार देश में करीब 3 करोड़ लोगों का जनधन खाता खुलवाएगी. प्रधानमंत्री जनधन खाता योजना के 10 साल पूरा होने के मौके पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत करीब 3 करोड़ नए जनधन खाते खोले जाने की संभावना है.

त्रिमूर्ति लाएंगे डिजिटल क्रांति

अभी हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने त्रिमूर्ति यानी जनधन-आधार, यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) और यूएलआई (यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस) के जरिए डिजिटल क्रांति लाने का ऐलान किया है. इसमें खास यह है कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने देश के किसानों, छोटे दुकानदारों और छोटे उद्यमियों को आसानी से कर्ज मुहैया कराने के लिए यूएलआई यानी यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस लाने की बात कही है.

प्रधानमंत्री जनधन योजना की कब शुरुआत हुई थी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त, 2014 को प्रमुख वित्तीय समावेशन कार्यक्रम के तौर पर पीएमजेडीवाई की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत बैंक खातों की संख्या मार्च, 2015 में 14.72 करोड़ हो गई थी, जो 16 अगस्त, 2024 तक लगभग चार गुना होकर 53.13 करोड़ हो गई. पीएमजेडीवाई के तहत कुल जमा राशि मार्च, 2015 में 15,670 करोड़ रुपये थी, जो बढ़कर अगस्त, 2024 तक 2.31 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई.

2024-25 में 3 करोड़ जनधन खाता खोलेगी सरकार

निर्मला सीतारमण ने इस प्रधानमंत्री जनधन योजना की शुरुआत की 10वीं वर्षगांठ पर कहा कि हमारा लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के दौरान तीन करोड़ से अधिक जनधन खाते खोलने का है. देश में 14 अगस्त, 2024 तक 173 करोड़ से अधिक एक्टिव करंट और सेविंग खाते थे, जिनमें 53 करोड़ से अधिक एक्टिव जनधन खाते शामिल हैं. बैंक बड़ी संख्या में सामान्य बचत बैंक खाते भी खोलते हैं.

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जेएएम की तिकड़ी ने डीबीटी को बनाया आसान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, देश के अधिकांश वयस्कों के पास बैंक खाते हैं और सरकार का लक्ष्य बचे हुए वयस्कों और युवाओं का भी बैंक खाता खोलने का है. जनधन खातों में औसत शेष राशि मार्च, 2015 में 1,065 रुपये से बढ़कर इस साल 16 अगस्त तक 4,352 रुपये हो गई है. जनधन के करीब 80 प्रतिशत खाते चालू हैं.
वित्त मंत्रालय ने कहा कि ‘जेएएम तिकड़ी’ (जनधन, आधार, मोबाइल) ने लाभार्थियों के खाते में सीधे पैसे (डीबीटी) भेजने को बढ़ावा देने के साथ ही इसकी प्रक्रिया को आसान किया है. उन्होंने कहा कि जेएएम की तिकड़ी की वजह से डीबीटी का दायरा आंशिक से बढ़कर सर्वव्यापी हो गया है.

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