संवाददाता, देवघर. जिले में 28 अगस्त से 13 सितंबर तक नया कुष्ठ रोगी खोज अभियान प्रारंभ किया जायेगा. इसका उद्घाटन डीडीसी नवीन कुमार और सिविल सर्जन डॉ. रंजन सिन्हा ने दीप जलाकर किया और जागरुकता रथ तथा खोजी दल को हरी झंडी दिखायी. डीडीसी ने कहा कि अभियान का मुख्य उद्देश्य कुष्ठ मरीजों की पहचान प्रारंभिक लक्षणों के आधार पर करना है, ताकि उन्हें उचित इलाज देकर विकलांगता से बचाया जा सके. उन्होंने बताया कि अभियान की सफलता के लिए गांव-गांव में लोगों को जानकारी पहुंचाना जरूरी है. खोजी दल के सदस्य सहिया और पुरुष कार्यकर्ता घर-घर जाकर कुष्ठ रोग की जानकारी देंगे और संबंधित शारीरिक जांच करेंगे. सिविल सर्जन ने बताया कि जिले की सभी आबादी की जांच के लिए 1913 खोजी दलों का गठन किया गया है, जिसमें एक पुरुष और एक महिला शामिल हैं. ये टीमें संदिग्ध रोगियों को चिह्नित कर नजदीकी सीएचसी में भेजेंगी, जहां चिकित्सकों द्वारा उनका परीक्षण किया जायेगा, और यदि कुष्ठ की पुष्टि होती है, तो उनका इलाज किया जायेगा. इसके अलावा, अभियान में 334 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गयी है. जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि कुष्ठ लाइलाज बीमारी नहीं है; छह से 12 महीने के नियमित इलाज से यह पूरी तरह ठीक हो सकता है. डीडीसी ने कुष्ठ मरीजों के प्रति भेदभाव न करने और उन्हें मुख्य धारा में लाने की शपथ भी दिलायी. मौके पर सदर अस्पताल के डीएस डॉ प्रभात रंजन, डॉ परमजीत कौर, डीपीएम नीरज भगत, जिला शहरी स्वास्थ्य प्रबंधक सुनील मणि त्रिपाठी, कुमार अभिषेक, रवि कुमार सिन्हा, प्रशांत कुमार मालवीय, अभिमन्यु दांगी, अर्जुन यादव, अभिषेक लाल समेत अन्य थे.
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