प्रतिनिधि, रामगढ़
जिला स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों के गबन का मामला सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग समेत जिले का प्रशासनिक महकमा सकते में है. इस मामले में विभाग के आदेशपाल अमजद हुसैन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. अमजद व उसकी पत्नी चिकित्सकों के नाम पर पांच खाते संचालित कर राशि भेजते थे. बताया जाता है कि अमजद हुसैन काफी तेज है. विभाग उससे लेखा विभाग का पूरा काम कंप्यूटर से कराता था. वह चिकित्सकों के नाम पर वेतन विपत्र व अन्य विपत्र बना कर भेजता था. विपत्र पर लेखा प्रबंधक व डीपीएम के हस्ताक्षर के बाद सिविल सर्जन को हस्ताक्षर के लिए बिल भेजा जाता था. लोग आश्चर्य में हैं कि अगर पांच काम नहीं करने वाले चिकित्सकों के नाम पर वेतन विपत्र भेजा जाता था, तो क्या लेखा प्रबंधक व डीपीएम भी उसकी जांच नहीं करते थे. आदेशपाल कंप्यूटर पर विपत्र कैसे बनाता था. अंतिम हस्ताक्षर के लिए जब सिविल सर्जन के पास विपत्र जाता था, तो क्या वह भी बिना जांच के ही हस्ताक्षर करते थे. जो चिकित्सक जिला में काम नहीं करते हैं, वैसे नामों पर उनका ध्यान कैसे नहीं गया. जिन पांच नाम से पैसे भेजे जाते थे, उसमें एक नाम महाराष्ट्र के डॉ राहुल उमरे का भी है. इस नाम का टाइटल इस क्षेत्र के लोगों का नहीं होता है. इस नाम पर तो अधिकारियों को ध्यान जाना चाहिए था. अगर डॉ राहुल उमरे ने अपने पैन नंबर पर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, रामगढ़ से टीडीएस जमा होने की शिकायत नहीं करते, तो यह मामला प्रकाश में नहीं आता.
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