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नक्सली बिहारी पासवान पर बेगूसराय व खगड़िया में हत्या समेत दर्जनों मामले हैं दर्ज

तेयाय ओपी अंतर्गत लखनपुर पंचायत के पाली गांव में बुधवार को अहले सुबह उस वक्त अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया, जब पुलिस की कई गाड़ियां एक साथ पाली गांव पहुंच कर पाली गांव निवासी कपिलेश्वर पासवान के पुत्र बिहारी पासवान के घर के चारों तरफ घेराबंदी कर घर से बाहर निकलने और घर मे प्रवेश करने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया.

भगवानपुर. तेयाय ओपी अंतर्गत लखनपुर पंचायत के पाली गांव में बुधवार को अहले सुबह उस वक्त अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया, जब पुलिस की कई गाड़ियां एक साथ पाली गांव पहुंच कर पाली गांव निवासी कपिलेश्वर पासवान के पुत्र बिहारी पासवान के घर के चारों तरफ घेराबंदी कर घर से बाहर निकलने और घर मे प्रवेश करने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया. जिससे पाली गांव सहित आसपास के गांव में हड़कंप मच गया. बताते चलें कि बिहारी पासवान का संपर्क पूर्व से ही नक्सली संगठन के साथ है. प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहारी पासवान बेगूसराय से बीएसएस कॉलेजिएट स्कूल में पढ़ाई किया है, इसी दौरान नगर थाना में झगड़ा झंझट के बाद वर्ष 2003 में बेगूसराय नगर थाना में हत्या मामले में प्राथमिकी दर्ज हुआ था. बताया जाता है कि पुलिस समय-समय पर बिहारी पासवान की तलाश में जुट जाती थी. वहीं बिहारी पासवान पर वर्ष 2004 में मारपीट व फायरिंग की प्राथमिकी दर्ज हुई. वहीं वर्ष 2005 में मुफस्सिल थाना में नक्सली से जुड़े घटना को लेकर प्राथमिकी दर्ज हुआ. वहीं वर्ष 2011 में नीमाचांदपुरा थाना में रंगदारी मामले, तेघड़ा थाना में नक्सली से जुड़े घटना को लेकर प्राथमिकी दर्ज हुआ. जबकि वीरपुर थाना में दंगा मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज हुआ. वहीं वर्ष 2012 में वीरपुर थाना में आर्म्स एक्ट मामले को लेकर व भगवानपुर में नक्सली संबंधित कांड को लेकर प्राथमिकी दर्ज हुआ. वर्ष 2014 में चेरियाबरियारपुर थाना व भगवानपुर थाना में नक्सली संबंधित मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज हुआ. वहीं वर्ष 2017 में खगड़िया जिले के गंगौर ओपी में नक्सली संबंधित कांड दर्ज हुआ. इस तरह जिले के विभिन्न थाने में बिहारी पासवान के विरुद्ध नक्सली संगठन से जुड़े मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज है.

करीब छह घंटे तक चला तलाशी अभियान :

ग्रामीणों के अनुसार बताया जाता है कि एनआइए के अधिकारियों के द्वारा बिहारी पासवान के घर के विभिन्न आलमारी, बक्सा सहित बेड सीट को उठा उठा कर तलाशी लेना शुरू कर दिया. तकरीबन छह घंटे तक चली तलाशी के बाद एनआइए टीम को कई अहम सुराग हाथ लगी है. जिसको लेकर एनआइए की टीम ने बिहारी पासवान उसकी पत्नी सोमिया देवी सहित दो पुत्र व एक पुत्री को पूछताछ करने को लेकर तेघड़ा थाना पहुंची. वहां छह घंटे तक सघन पूछताछ के बाद नक्सली की पत्नी और बच्चों को छोड़ दिया गया. वहीं एनआइए के अधिकारी व स्थानीय पुलिस के द्वारा कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. गौरतलब है कि एनआइए का काम आतंकवाद संबंधित मामलों में पूछताछ एवं जांच के लिए की जाती है. और यह एक राष्ट्रीय सरकारी एजेंसी है.

15 वर्षों से नक्सली संगठन से जुड़ा है :

विदित हो कि बिहारी पासवान गरीब परिवार से आता है. वह आर्थिक तंगी के कारण भटक कर नक्सली गतिविधि में शामिल हो गया. जिसके बाद वह करीब 15 वर्षों से लगातार नक्सली संगठन को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है. गिरफ्तारी के बाद आस-पास के लोगों की भीड़ के द्वारा तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं व्यक्त की जा रही थी.

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