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स्वास्थ्यकर्मियों ने शुरू किया कार्य बहिष्कार

बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की राज्य कार्यकारिणी के निर्देश पर 20 सूत्री मांगों को लेकर बुधवार से स्वास्थ्यकर्मियों का कार्य बहिष्कार आंदोलन शुरू हुआ.

हाजीपुर. बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की राज्य कार्यकारिणी के निर्देश पर 20 सूत्री मांगों को लेकर बुधवार से स्वास्थ्यकर्मियों का कार्य बहिष्कार आंदोलन शुरू हुआ. जिले में सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी और स्वास्थ्य उपकेंद्रों तक, स्वास्थ्यकर्मी 30 अगस्त तक अपने-अपने कार्य का बहिष्कार करेंगे. तीन दिवसीय आंदोलन के पहले दिन बुधवार को संघ की विशेष शाखा की ओर से सदर अस्पताल में धरना-प्रदर्शन किया गया. स्वास्थ्यकर्मियों ने कार्य का बहिष्कार करते हुए धरना-प्रदर्शन में हिस्सा लिया. संघ के जिलाध्यक्ष राजेश रंजन और विशेष शाखा अध्यक्ष नूतन कुमारी की अध्यक्षता में सभा की गयी. संघ के सम्मानित अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने कहा कि कर्मियों को समान काम का समान वेतन देने, पुरानी पेंशन योजना को लागू करने, 18 महीने के बकाया महंगाई भत्ते का भुगतान करने समेत अन्य मांगों को लेकर तीन दिनों तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा. संघ के जिला मंत्री राकेश कुमार सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मचारियों का यह कार्य बहिष्कार गत 22 जुलाई से एनएचएम कर्मियों के चल रहे आंदोलन के समर्थन में और सरकार की कर्मचारी विरोधी नीति के विरोध में किया जा रहा है. धरना-प्रदर्शन में संघ के मुख्य संरक्षक राजेंद्र पटेल, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र राय, राजू कुमार, स्वर्णलता, अनिता कुमारी, मनोज कुमार, सरिता कुमारी, रामकृष्ण सिंह, राजा प्रसाद, आरती कुमारी, माला कुमारी समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी शामिल थे. प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाये. सभा को संबोधित करते हुए संघ के नेताओं ने कहा कि एनएचएम के तहत कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी एफआरएएस विधि से डिजिटल अटेंडेंस पर रोक लगाने तथा अन्य जायज मांगों को लेकर पिछले 38 दिनों से कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. सरकार उनकी मांगों पर विचार करने और सम्मानजनक समझौते के जरिये उनका आंदोलन समाप्त कराने की बजाय दमनात्मक नीति अपना रही है. सरकार के रवैये से कर्मचारियों में आक्रोश है. यदि मांगें पूरी नहीं की जायेगी, तो आंदोलन और तेज किया जायेगा. संघ की मांगों में समान कार्य के बदले समान वेतन देने के अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर कार्यरत सभी कर्मियों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने, एनएचएम के सभी कर्मियों पर अशोक चौधरी की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसाओं को लागू किये जाने, एनएचएम कर्मियों के लिए स्मार्टफोन से एफआरएएस विधि से उपस्थिति दर्ज करने के अव्यवहारिक आदेश को अविलंब निरस्त करने, अप्रैल माह से बकाये मानदेय का भुगतान करने, स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर स्थायी भवन, आवासीय सुविधा, शौचालय, स्वच्छ पेयजल, बिजली, वाईफाई इंटरनेट जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करने, राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से जारी मानदेय बढ़ोतरी के दोषपूर्ण आदेश में सुधार करने, एनएचएम के तहत अन्य कर्मियों की तरह सीएचओ को भी समान रूप से वेतन वृद्धि एवं अन्य सुविधाओं का लाभ देने, विशाखा जजमेंट के अनुरूप कार्यस्थल पर महिला कर्मियों की सुरक्षा की गारंटी करने तथा सभी संविदा कर्मियों को न्यूनतम वैधानिक मजदूरी का भुगतान किये जाने की मांगें शामिल हैं.

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