रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने रांची नगर निगम व आरआरडीए को एक माह के अंदर नक्शा पास करने का आदेश दिया था. लेकिन, आरआरडीए में पिछले पांच माह से एक भी नक्शा को स्वीकृति नहीं मिली है. यह स्थिति आरआरडीए में भू संपदा पदाधिकारी व सचिव के नहीं रहने के कारण हुई है. नक्शा पास नहीं होने से आवेदक भी परेशान हैं. वे रोज आरआरडीए कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. वहीं, यहां तैनात कर्मचारी उन्हें एक ही जवाब दे रहे हैं कि जब तक अफसर की पोस्टिंग नहीं होगी, तब तक नक्शा कैसे पास होगा. आरआरडीए कर्मियों की मानें, तो आरआरडीए उपाध्यक्ष संदीप सिंह चाहें तो आरआरडीए के ही किसी अफसर को सचिव या भू-संपदा पदाधिकारी का प्रभार दे सकते हैं. लेकिन उपाध्यक्ष द्वारा इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है.
200 से अधिक आवेदन पेंडिंग
आरआरडीए में जब भी किसी नक्शे का आवेदन जमा होता है तो सबसे पहले उसके कागजात की जांच भू-संपदा पदाधिकारी द्वारा की जाती है. भू-संपदा पदाधिकारी के ओके करने पर ही फाइल आगे बढ़ती है. लेकिन, अफसर के नहीं रहने के कारण 200 से अधिक नक्शों के आवेदन पिछले पांच माह से यहां पेंडिंग हैं.
जेनरेटर में डीजल नहीं, कंप्यूटर में इंटरनेट नहीं
अब तक आरआरडीए में जिस भी अफसर की पोस्टिंग हुई है, वह भू-संपदा पदाधिकारी के साथ-साथ आरआरडीए सचिव के भी प्रभार में रहे हैं. लेकिन, सचिव के नहीं रहने से यहां से किसी प्रकार का बिल नहीं पास हो रहा है. नतीजा इस कार्यालय के जेनरेटर में डीजल तक नहीं है. वहीं, कंप्यूटर में इंटरनेट भी नहीं है. कर्मी अपने मोबाइल के हॉट स्पॉट से कंप्यूटर चला रहे हैं.
साइट विजिट का काम भी हुआ बंद
आरआरडीए क्षेत्र में किसी प्रकार के विकास कार्य व किसी प्रकार की शिकायत दर्ज होने के बाद यहां के अमीन व इंजीनियर संस्थान के वाहन से जाकर स्पॉट विजिट करते थे. लेकिन, विपत्र पर साइन करने वाला अफसर नहीं रहने के कारण वाहनों में तेल भराने पर भी आफत आ गयी है. नतीजा, साइट विजिट का काम बंद है. वहीं, इंजीनियर या कर्मी अपने वाहन से ही आना-जाना कर रहे हैं.
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